यह भी पढ़ें
सेंदड़ा ओवरब्रिज की सुरक्षा दीवार से टकरा ट्रोला धधका, आग में जिंदा जला चालकविश्वविद्यालय ने बहुउद्देशीय और अत्याधुनिक सुविधाओं युक्त मंगलम भवन बनवाया है। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने 11 मई 2016 को इसका शिलान्यास कराया। योजना के तहत यहां भारतीय स्टेट बैंक (तब एसबीबीजे), फोटो और फैक्स सुविधा, इंटरनेट, पोस्ट ऑफिस, छोटा केफेटेरिया और विद्यार्थियों के रुकने के लिए प्रतीक्षालय बनाया गया। ताकि एक ही छत के नीचे उनका सारा कामकाज हो जाए। आधुनिक भवन का बीते वर्ष 1 अगस्त को दीक्षांत समारोह पर आए पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह ने उद्घाटन किया था।
यह भी पढ़ें
RTO NEWS : यहां भी मौत के मुहानों पर दौड़ रहे अनफिट वाहन तीन साल से सन्नाटाभवन में बैंक या किसी कियोस्क का मंगल प्रवेश नहीं हो पाया है। भारतीय स्टेट बैंक की शाखा यथावत चाणक्य भवन के पिछवाड़े संचालित है। इसी तरह पोस्ट ऑफिस मोटर गैराज में संचालित है। फोटो-फैक्स इंटरनेट कियोस्क तो पिछले कई साल से बंद है। अभी विद्यार्थी या आगंतुक को बैंक, पोस्ट ऑफिस या कोई काम हो तो उसे इधर-उधर भटकना पड़ता है। सात महीने से नए भवन में सन्नाटा पसरा हुआ है।
यह भी पढ़ें
यूं पिछड़े हैं राजस्थान के कॉलेज और यूनिवर्सिटी, पढ़ें खबर..
एमओयू हुआ फिर भी देरी..अधिकृत सूत्रों की मानें किराएनामे को लेकर बैंक और विश्वविद्यालय एकराय नहीं है। पूर्व में विश्वविद्यालय ने एसबीबीजे को नियमों-शर्तों के तहत भवन किराए पर दिया था। अब उस बैंक का एसबीआई में विलय हो चुका है। ऐसे में दोनों संस्थाओं के बीच नए सेवा-शर्तों के तहत एमओयू हो चुका है, फिर भी मंगलम भवन में ब्रांच को स्थानांतरित करने पर कोई तालमेल नहीं बैठ पाया है।
परिसर में कई भवन बदहाल
विश्वविद्यालय की अनदेखी से कई भवन बदहाल हो रहे हैं। जबकि इन्हें बनाने में सरकार, यूजीसी और जनता की गाढ़ी कमाई लगी है। इनमें स्टाफ कॉलोनी के निकट बने परीक्षा नियंत्रक और कुलसचिव के क्वार्टर, शोधार्थियों के लिए बना याज्ञवलक्य भवन और बुक वल्र्ड, डेयरी पार्लर कियोस्क शामिल है।
विश्वविद्यालय की अनदेखी से कई भवन बदहाल हो रहे हैं। जबकि इन्हें बनाने में सरकार, यूजीसी और जनता की गाढ़ी कमाई लगी है। इनमें स्टाफ कॉलोनी के निकट बने परीक्षा नियंत्रक और कुलसचिव के क्वार्टर, शोधार्थियों के लिए बना याज्ञवलक्य भवन और बुक वल्र्ड, डेयरी पार्लर कियोस्क शामिल है।
विद्यार्थी कम, भवन भारी-भरकम
विश्वविद्यालय परिसर में साइंस, आट्र्स, कॉमर्स, सोशल साइंस, मैनेजमेंट, पत्रकारिता, बीएड, एज्यूकेशन और अन्य कोर्स संचालित हैं। इनमें करीब 1300 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। कुछेक विभागों को छोडकऱ ज्यादातर ने आधुनिक और भारी-भरकम भवन बना लिए हैं। इनमें रिमोट सेंसिंग का डॉ. विक्रम साराभाई भवन और सत्यार्थ सभागार तो निर्माणाधीन है। कई विभागों सहित कई में एक-एक शिक्षक और 40-50 विद्यार्थी पढ़ते हैं। ऐसे में भवनों की उपयोगिता समझ से परे है।
विश्वविद्यालय परिसर में साइंस, आट्र्स, कॉमर्स, सोशल साइंस, मैनेजमेंट, पत्रकारिता, बीएड, एज्यूकेशन और अन्य कोर्स संचालित हैं। इनमें करीब 1300 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। कुछेक विभागों को छोडकऱ ज्यादातर ने आधुनिक और भारी-भरकम भवन बना लिए हैं। इनमें रिमोट सेंसिंग का डॉ. विक्रम साराभाई भवन और सत्यार्थ सभागार तो निर्माणाधीन है। कई विभागों सहित कई में एक-एक शिक्षक और 40-50 विद्यार्थी पढ़ते हैं। ऐसे में भवनों की उपयोगिता समझ से परे है।