राष्ट्रीय पक्षी मोर का शिकार और मौत का सिलसिला जारी है। लोहागल गांव के निकट खेतों में सात मोर मृत मिले। प्रारंभिक स्तर पर जहरीला दाना खिलाना सामने आया है। वन विभाग इनका बुधवार को पोस्टमार्टम कराएगा। इसके बाद ही मौत की असली वजह सामने आएगी।
जानकारी के अनुसार लोहागल गांव के निकट खेतों में मृत मोर मिलने की सूचना मिली। वन विभाग के अधिकारियों ने वनकर्मियों को सूचना दी। अंधेरा ज्यादा होने से क्षेत्र तक पहुंचने में कार्मिकों को काफी परेशानी हुई। विभाग ने सात मोर मृत होना बताया है। एक मोर विषाक्त दानों के सेवन से तड़पता हुआ मिला। इसका उपचार किया गया है।
जहरीले दाने का सेवन… प्रारंभिक स्तर पर विभाग ने मोरों की मौत जहरीले दाने का सेवन माना है। लेकिन इनकी मृत्यु की अधिकृत वजह सामने नहीं आई है। विभाग मोरोंका पोस्टमार्टम कराएगा। इसके बाद ही मोरों की मौत की असली वजह उजागर होगी।
शक के दायरे में दो लोग वन विभाग ने मामले में फिलहाल किसी को नहीं पकड़ा है। अलबत्ता कार्मिकों ने दो लोगों को शक के दायरे में रखा है। इनसे विस्तार से पूछताछ की जाएगी। मोरों के अनाधिकृत शिकार और मौत में हाथ होने पर इनके खिलाफ कानूनी शिकंजा कसा जाएगा। मालूम हो कि मोरों के शिकार में ज्यादातर बनबागरियों की भूमिका सामने आती रही है।
जिले में कई बार हुए शिकार अजमेर जिले में मोर के कई बार शिकार-मौत के मामले सामने आ चुके हैं। पुष्कर, नसीराबाद, केकड़ी, भिनाय, ब्यावर और अन्य क्षेत्रों में मोरों के शिकार की घटनाएं हुई हैं। ज्यादारत मामलों में मोर को जहरीला दाना खिलाया गया है। मोरों का चोरी-छुपे शिकार अब तक जारी है।
फैक्ट फाइल… -26 जनवरी 1963 को सरकार ने मोर को घोषित किया था राष्ट्रीय पक्षी
-वन्य जीव संरक्षण कानून के तहत मोर के शिकार पर पाबंदी
-वन मंत्रालय के अनुसार देश में करीब 1.50 लाख मोर
-वन्य जीव संरक्षण कानून के तहत मोर के शिकार पर पाबंदी
-वन मंत्रालय के अनुसार देश में करीब 1.50 लाख मोर
विभाग के पास सात मोर मृत मिलने की सूचना पहुंची है। इनका पोस्टमार्टम कराया जाएगा। फिलहाल किसी को नहीं पकड़ा गया है। दो लोग शक के दायरे में हैं।
सुधीर माथुर, रेंजर वन विभाग
सुधीर माथुर, रेंजर वन विभाग