हिंदू कैलेंडर के अनुसार भादो मास की सप्तमी की रात्रि सावित्री पहाड़ी स्थित माता सावित्री के मंदिर पर जागरण का आयोजन होता है। इस जागरण में पुष्कर ( Pushkar History In Hindi ) के आसपास ही नहीं अपितु प्रदेश के अन्य स्थानों से आई महिलाएं और युवतियां पहाड़ी स्थित मंदिर पर जाकर रात्रि को जागरण करती हैं। साथ ही सावित्री माता के चरणों में सिंदूर व कड़ा, वस्त्र अर्पित करके अखंड सौभाग्य की कामना करती है।
माता के मंदिर में जागरण के बाद भादो मास की अष्टमी के दिन माता के मंदिर से श्रद्धालु नीचे उतरकर पहाड़ी की तलहटी में विशाल पारंपरिक मेले का लुफ्त उठाएंगे। श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के साथ ही पुलिस एवं प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है। सावित्री पहाड़ी की चोटी पर माता के मंदिर में पुलिस का जाब्ता लगा दिया गया है।
उप अधीक्षक ग्रामीण विनोद कुमार सहित पुष्कर उपखंड अधिकारी देविका तोमर पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं और श्रद्धालुओं की व्यवस्था सुविधाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं । खास बात यह है कि यहां पर एक रोपडे लगाया गया है। इस रोपवे में निर्धारित राशि ( pushkar ropeway price ) चुकाने के बाद वृद्ध एवं एवं अशक्त दिव्यांग भी सावित्री माता के मंदिर पहाड़ी पर जाकर दर्शन कर सकते हैं।
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