रक्तिम तिवारी/अजमेर.
राजकीय आचार्य संस्कृत कॉलेज को नए भवन का इंतजार है। लोहागल रोड पर नई इमारत बन चुकी है। इसका उद्घाटन नहीं हो पाया है। नए भवन में शिफ्टिंग और संसाधन जुटाने के बाद कॉलेज नैक ग्रेडिंग के लिए टीम भी बुलाना चाहता है।
राजकीय आचार्य संस्कृत कॉलेज को नए भवन का इंतजार है। लोहागल रोड पर नई इमारत बन चुकी है। इसका उद्घाटन नहीं हो पाया है। नए भवन में शिफ्टिंग और संसाधन जुटाने के बाद कॉलेज नैक ग्रेडिंग के लिए टीम भी बुलाना चाहता है।
शहर में करीब 52 साल से गंज में राजकीय आचार्य संस्कृत कॉलेज संचालित है। मौजूदा भवन बहुत छोटा है। यहां खेल मैदान, कंप्यूटर लेब, सभागार और अन्य सुविधाएं नहीं है। कॉलेज को करीब दस वर्ष पूर्व लोहागल गांव में जमीन आवंटित की गई थी। काफी प्रयासों के बाद यहां दो वर्ष पूर्व नए भवन का निर्माण शुरू हुआ। अब नया भवन बन चुका है। भवन करीब 6.5 करोड़ रुपए से बना है। इसमें प्राचार्य और शिक्षक कक्ष, कक्षाएं और अन्य सुविधाएं हैं।
उद्घाटन का इंतजार
पिछले साल विधानसभा चुनाव आचार संहिता के चलते भवन का उद्घाटन नहीं हो पाया था। चुनाव के बाद प्रदेश में नई सरकार बन चुकी है। लिहाजा कॉलेज को भवन के उद्घाटन का इंतजार है। जनवरी-फरवरी तक यह काम नहीं हुआ तो लोकसभा चुनाव आचार संहिता लग जाएगी। इसके बाद मामला जून-जुलाई तक टल सकता है।
पिछले साल विधानसभा चुनाव आचार संहिता के चलते भवन का उद्घाटन नहीं हो पाया था। चुनाव के बाद प्रदेश में नई सरकार बन चुकी है। लिहाजा कॉलेज को भवन के उद्घाटन का इंतजार है। जनवरी-फरवरी तक यह काम नहीं हुआ तो लोकसभा चुनाव आचार संहिता लग जाएगी। इसके बाद मामला जून-जुलाई तक टल सकता है।
लेनी है नैक ग्रेडिंग
यूजीसी ने 2014-15 से देश के सभी केंद्रीय, राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों, कॉलेज के लिए नैक ग्रेडिंग कराना अनिवार्य किया है। इसमें संस्कृत कॉलेज भी शामिल है। कॉलेज को पिछले 20-22 साल में ग्रेडिंग कभी नहीं मिली। हालांकि कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने 2016-17 में सभी कॉलेज को नैक ग्रेडिंग लेने को कहा। इसकी अनुपालना में संस्कृत कॉलेज 35 हजार रुपए जमा करा चुका है। नए भवन में शिफ्ट होने के बाद कॉलेज नैक टीम बुलाने का इच्छुक है।
यूजीसी ने 2014-15 से देश के सभी केंद्रीय, राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों, कॉलेज के लिए नैक ग्रेडिंग कराना अनिवार्य किया है। इसमें संस्कृत कॉलेज भी शामिल है। कॉलेज को पिछले 20-22 साल में ग्रेडिंग कभी नहीं मिली। हालांकि कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने 2016-17 में सभी कॉलेज को नैक ग्रेडिंग लेने को कहा। इसकी अनुपालना में संस्कृत कॉलेज 35 हजार रुपए जमा करा चुका है। नए भवन में शिफ्ट होने के बाद कॉलेज नैक टीम बुलाने का इच्छुक है।