राजस्थान लोक सेवा आयोग (rpsc ajmer) बारिश का पानी (rain water ) सहेजने के अलावा खुद बिजली तैयार करेगा। इससे ऊर्जा और जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। आयोग जल्द सरकार और सार्वजनिक निर्माण को प्रस्ताव तैयार कर भेजेगा।
आजादी के बाद प्रदेश में वर्ष 1949 में राजस्थान लोक सेवा आयोग सेवा का गठन हुआ है। इसका पहला दफ्तर मौजूदा आयुर्वेद निदेशालय में था। इसके बाद कलक्ट्रेट के निकट स्थित भवन में यह करीब पचास साल तक संचालित हुआ। जयपुर रोड स्थित मौजूदा नए भवन में आयोग 2001-02 में शिफ्ट हआ। लेकिन ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोत के रूप में सौर ऊर्जा और बरसात के पानी के संरक्षण (rain water harvesting) में आयोग फिलहाल पीछे है।
अब तक डिस्कॉम पर निर्भर आयोग अब तक अजमेर डिस्कॉम (ajmer discom) से प्राप्त बिजली पर निर्भर है। यहां परीक्षा, संस्थापन, पुस्तकालय, डाक-संप्रेषण और अन्य विभाग-अनुभाग डिस्कॉम की बिजली से रोशन हैं। इसकी एवज में आयोग को प्रतिमाह लाखों रुपए का बिल चुकाना पड़ रहा है। ऐसा तब है जबकि परीक्षाओं और परिणाम निकालने के दौरान आयोग का कामकाज कई बार दिन-रात चलता है।
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आयोग ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर भी ध्यान नहीं दिया है। यहां मुख्य भवन का पानी नालियों से होकर जयपुर रोड स्थित नाले में व्यर्थ बह जाता है। जबकि आयोग में हजारों अभ्यर्थियों-लोगों की आवाजाही होती है। यहां काफी पेड़-पौधे लगे हैं। अनुभागों और सार्वजनिक जगह टॉयलेट बने हैं। पानी के लिए आयोग पूरी तरह बीसलपुर पर निर्भर है।
आयोग ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर भी ध्यान नहीं दिया है। यहां मुख्य भवन का पानी नालियों से होकर जयपुर रोड स्थित नाले में व्यर्थ बह जाता है। जबकि आयोग में हजारों अभ्यर्थियों-लोगों की आवाजाही होती है। यहां काफी पेड़-पौधे लगे हैं। अनुभागों और सार्वजनिक जगह टॉयलेट बने हैं। पानी के लिए आयोग पूरी तरह बीसलपुर पर निर्भर है।
अब मॉडल बनेगा आयोग राजस्थान लोक सेवा आयोग प्रदेश के अहम दफ्तरों में शामिल है। लिहाजा अध्यक्ष दीपक उप्रेती ने इसे मॉडल कार्यालय बनाने की योजना बनाई है। वे आयोग की छत पर सौर ऊर्जा पैनल (solar energy penal) लगाने के इच्छुक हैं। सौर ऊर्जा के उपयोग से आयोग के बिजली के बिल (electric bill) में काफी बचत होगी। साथ ही आयोग अपनी खपत के बाद अतिरिक्त बिजली को अजमेर डिस्कॉम को बेचकर आय बढ़ाएगा। इसके लिए अक्षय ऊर्जा निगम (solar energy corporation) और अन्य संस्थाओं के माध्यम से संपर्क किया जाएगा। इसके अलावा रेन वाटर हार्वेस्टिंग के तहत छतों के पानी को विशाल टैंक में संग्रहित किया जाएगा। ताकि भविष्य में पानी का उपयोग पेड़-पौधों-टॉयलेट और अन्य कार्यों के लिए हो सके।
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-ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोत अपनाने की जरूरत रेन वाटर हार्वेस्टिंग और सौर ऊर्जा अब पहली जरूरत है। आयोग भी सौर पैनल लगाने के अलावा बरसात के पानी को सहेजेगा। प्रस्ताव बनाकर सरकार को भिजवाएंगे।
दीपक उप्रेती, अध्यक्ष राजस्थान लोक सेवा आयोग
-ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोत अपनाने की जरूरत रेन वाटर हार्वेस्टिंग और सौर ऊर्जा अब पहली जरूरत है। आयोग भी सौर पैनल लगाने के अलावा बरसात के पानी को सहेजेगा। प्रस्ताव बनाकर सरकार को भिजवाएंगे।
दीपक उप्रेती, अध्यक्ष राजस्थान लोक सेवा आयोग