राजस्थान लोक सेवा आयोग (rpsc) एक बड़ा नवाचार करने वाला है। कॉपियों और ओएमआर शीट पर दिखने वाला कम्प्यूटराइज्ड बार कोड अब अभ्यर्थी (aspirants) की ‘कुंडली ’ का काम करेगा। इसमें रोल नंबर सहित खास सूचनाएं दर्ज रहेंगी। इससे कॉपियां-ओएमआर की अदला-बदली, एकदूसरे के परिणाम-अंक बदलने जैसी परेशानियों से आयोग को निजात मिलेगी।
आयोग आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती परीक्षा सहित कॉलेज लेक्चरर, स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा, कृषि, कारागार, कनिष्ठ लेखाकार और अन्य भर्ती परीक्षाओं (recruitment exams) का आयेाजन करता है। यह भर्तियां कार्मिक विभाग, संबंधित विभाग और सरकार से अभ्यर्थना, पदों का वर्गीकरण मिलने के बाद कराई जाती हैं। आयोग की कॉपियों-ओएमआर शीट पर कंप्यूटराइज्ड बार कोड (aomputerized bar code) होते हैं। इनमें अभ्यर्थी के रोल नंबर होते हैं। जिन्हें सिर्फ कंप्यूटर ही स्केन कर सकता है।
कोड में पूरी जन्मकुंडली
कॉपियों-ओएमआर शीट पर कंप्यूटराइज्ड बार कोड होने के बावजूद आयोग के समक्ष दिक्कतें आती हैं। इनमें अभ्यर्थियों की कॉपियां-ओएमआर की अदला-बदली, एकदूसरे के परिणाम-अंक बदलने जैसी समस्याएं शामिल हैं। कई मामलों में तो आयोग को परिणाम (rpsc result) भी संशोधित करना पड़ता है। इसको देखते हुए आयोग ने बार कोड (bar code)में नवाचार की योजना बनाई है। प्रस्तावित योजना के तहत कम्प्यूटराइज्ड बार कोड में अभ्यर्थी के रोल नंबर सहित नाम, श्रेणी, संवर्ग सहित अन्य जानकारियां दर्ज होंगी। यह सूचनाएं बेहद गोपनीय होंगी, जिन्हें जांच के दौरान सिर्फ कंप्यूटर ही पढ़ सकेगा।
कॉपियों-ओएमआर शीट पर कंप्यूटराइज्ड बार कोड होने के बावजूद आयोग के समक्ष दिक्कतें आती हैं। इनमें अभ्यर्थियों की कॉपियां-ओएमआर की अदला-बदली, एकदूसरे के परिणाम-अंक बदलने जैसी समस्याएं शामिल हैं। कई मामलों में तो आयोग को परिणाम (rpsc result) भी संशोधित करना पड़ता है। इसको देखते हुए आयोग ने बार कोड (bar code)में नवाचार की योजना बनाई है। प्रस्तावित योजना के तहत कम्प्यूटराइज्ड बार कोड में अभ्यर्थी के रोल नंबर सहित नाम, श्रेणी, संवर्ग सहित अन्य जानकारियां दर्ज होंगी। यह सूचनाएं बेहद गोपनीय होंगी, जिन्हें जांच के दौरान सिर्फ कंप्यूटर ही पढ़ सकेगा।
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आयोग किसी बड़ी परीक्षा के बजाय किसी छोटी परीक्षा से नवाचार (innovation) का परीक्षण करेगा। इसमें विशेष कंप्यूटराइज्ड बार कोड का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें कामयाबी मिलने पर आरएएस, स्कूल प्राध्यापक, कॉलेज लेक्चरर और अन्य भर्तियों में कंप्यूटराइज्ड बार कोड व्यवस्था को लागू किया जाएगा।
आयोग किसी बड़ी परीक्षा के बजाय किसी छोटी परीक्षा से नवाचार (innovation) का परीक्षण करेगा। इसमें विशेष कंप्यूटराइज्ड बार कोड का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें कामयाबी मिलने पर आरएएस, स्कूल प्राध्यापक, कॉलेज लेक्चरर और अन्य भर्तियों में कंप्यूटराइज्ड बार कोड व्यवस्था को लागू किया जाएगा।
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आयोग अभ्यर्थियों को डेबिट (debit card)-क्रेडिट कार्ड (credit card), पे-टीएम और अन्य ऑनलाइन (online facility) विकल्पों से फीस भुगतान की सुविधा भी देगा। देश की कई प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में भी यही व्यवस्था लागू है। इससे विद्यार्थी ई-मित्र (e-mitra) के अलावा भी इन सुविधाओं से फीस भुगतान कर सकेंगे।
आयोग अभ्यर्थियों को डेबिट (debit card)-क्रेडिट कार्ड (credit card), पे-टीएम और अन्य ऑनलाइन (online facility) विकल्पों से फीस भुगतान की सुविधा भी देगा। देश की कई प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में भी यही व्यवस्था लागू है। इससे विद्यार्थी ई-मित्र (e-mitra) के अलावा भी इन सुविधाओं से फीस भुगतान कर सकेंगे।
यह होगा फायदा
-कॉपियों-ओएमआर शीट की अदला-बदली की संभावना नहीं
-कंप्यूटराइज्ड बार कोड में होगा सभी अभ्यर्थियों का गोपनीय डाटा
-मूल फार्म और बार कोड में दर्ज सूचनाओं का मिलान आसान
-किसी अभ्यर्थी की आपत्ति अथवा कोर्ट केस पर सूचना देने में सहूलियत
-कॉपियों-ओएमआर की कंप्यूटरीकृत जांच में आसानी
-कॉपियों-ओएमआर शीट की अदला-बदली की संभावना नहीं
-कंप्यूटराइज्ड बार कोड में होगा सभी अभ्यर्थियों का गोपनीय डाटा
-मूल फार्म और बार कोड में दर्ज सूचनाओं का मिलान आसान
-किसी अभ्यर्थी की आपत्ति अथवा कोर्ट केस पर सूचना देने में सहूलियत
-कॉपियों-ओएमआर की कंप्यूटरीकृत जांच में आसानी