राजस्थान लोक सेवा आयोग ने करीब 725 पदों के लिए आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती परीक्षा-2016 कराई थी। मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के परिणाम घोषित करने के बाद अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच की गई।
इनमें कई अभ्यर्थियों के दस्तावेजों में सेकंडरी की अंकतालिका, अनुभव प्रमाण, एनओसी, ओबीसी प्रमाण पत्र, डिग्री, नाम अथवा सरनेम परिवर्तन संबंधित एफिडेविट, टीएसपी सर्टिफिकेट, नियुक्ति पत्र और अन्य दस्तावेजों की कमियां मिली। बीती 8 जनवरी को आयोग ने ऐसे अभ्यर्थियों की सूची जारी की थी। इसके बावजूद कई अभ्यर्थियों के दस्तावेजों में कमियां बरकरार है। आयोग ने बुधवार को करीब 110 अभ्यर्थियों की सूची वेबसाइट पर अपलोड की है।
आरएएस-2016 परीक्षा…….
आरएएस मुख्य परीक्षा-2016 में दिक्कतें आई। यह परीक्षा पिछले साल 28 और 29 जनवरी को होनी थी। एसबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आरक्षण का प्रतिशत तय करने के निर्देश दिए। इसके चलते आयोग को तत्काल परीक्षा स्थगित करनी पड़ी।
आरएएस मुख्य परीक्षा-2016 में दिक्कतें आई। यह परीक्षा पिछले साल 28 और 29 जनवरी को होनी थी। एसबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आरक्षण का प्रतिशत तय करने के निर्देश दिए। इसके चलते आयोग को तत्काल परीक्षा स्थगित करनी पड़ी।
सरकार और आयोग के सुप्रीम कोर्ट में जवाब देने के बाद 27 और 28 मार्च को मुख्य परीक्षा कराई गई। लेकिन एसबीएसी आरक्षण और पदों की स्थिति साफ नहीं होने के चलते परीक्षा परिणाम अटक गया। कार्मिक विभाग के प्रत्युत्तर के बाद परिणाम जारी हुआ। अगस्त-सितम्बर में साक्षात्कार के बाद आयोग ने अभ्यर्थियों के परिणाम जारी किए।
अटकी हुई आरएएस 2017
आरएएस 2017 परीक्षा कई महीनों से अटकी हुई है। पिछले साल कार्मिक विभाग ने आयोग को करीब 900 पदों पर भर्ती की अभ्यर्थना भेजी थी। लेकिन सरकार ने आयोग को अब तक विज्ञापन जारी करने की इजाजत नहीं दी है। धौलपुर-भरतपुर के आरक्षण और विशेष पिछडा़ वर्ग के आरक्षण मामले भी पेचीदा बने हुए हैं। सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। यह मामला सुलझे बिना भर्तियां होनी मुश्किल हैं।
आरएएस 2017 परीक्षा कई महीनों से अटकी हुई है। पिछले साल कार्मिक विभाग ने आयोग को करीब 900 पदों पर भर्ती की अभ्यर्थना भेजी थी। लेकिन सरकार ने आयोग को अब तक विज्ञापन जारी करने की इजाजत नहीं दी है। धौलपुर-भरतपुर के आरक्षण और विशेष पिछडा़ वर्ग के आरक्षण मामले भी पेचीदा बने हुए हैं। सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। यह मामला सुलझे बिना भर्तियां होनी मुश्किल हैं।