आयोग की वरिष्ठ अध्यापक (माध्यमिक) प्रतियोगी परीक्षा-2018 के तहत बीते साल 1 नवम्बर को सुबह 9 से 11.30 बजे हिंदी का पेपर हुआ था। बाडमेर (barmer paper virul case) में वॉट्सएप पर हिंदी विषय का ‘ओ’ सीरीज का पेपर आ गया। आयोग और पुलिस की गहन पड़ताल में यहां का एक कॉलेज (private college) और दैनिक वेतनभोगी (daily waiger) कर्मचारी और पार्षद चिन्हित हुआ। इसके अलावा कॉलेज में परीक्षा से पहले सीसीटीवी (cctv) कैमरा बंद होने, केंद्राधीक्षक (center suprintendent) की कथित मिलीभगत भी सामने आई। आयोग ने बाडमेर (barmer) जिला प्रशासन और पुलिस (police) से पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट (police report) मांगी थी, लेकिन इसमें काफी विलंब हुआ था।
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आयोग वरिष्ठ अध्यापक (माध्यमिक) प्रतियोगी परीक्षा-2018 के विषयवार परिणाम जारी कर रहा है। अब उसे हिंदी विषय का नतीजा निकालना है। इस मामले को लेकर फुल कमीशन (full commission) की बैठक हुई। इस दौरान बाडमेर के परीक्षा केंद्र पर वायरल पेपर (paper virul) मामले की गहन पुलिस जांच कराने और संबंधित केंद्र के अभ्यर्थियों का परिणाम (aspirnts result) सीलबंद रखने पर चर्चा की गई। अधिकृत जानकारी के मुताबिक आयोग (rpsc) बाडमेर सहित अन्य केंद्रों पर बैठे अभ्यर्थियों को मिलने वाले अंक (marks), उत्तीर्ण (pass) होने वाले अभ्यर्थी और अन्य तकनीकी पहलुओं (technical issues) की आंतरिक जांच भी कर रहा है।
आयोग वरिष्ठ अध्यापक (माध्यमिक) प्रतियोगी परीक्षा-2018 के विषयवार परिणाम जारी कर रहा है। अब उसे हिंदी विषय का नतीजा निकालना है। इस मामले को लेकर फुल कमीशन (full commission) की बैठक हुई। इस दौरान बाडमेर के परीक्षा केंद्र पर वायरल पेपर (paper virul) मामले की गहन पुलिस जांच कराने और संबंधित केंद्र के अभ्यर्थियों का परिणाम (aspirnts result) सीलबंद रखने पर चर्चा की गई। अधिकृत जानकारी के मुताबिक आयोग (rpsc) बाडमेर सहित अन्य केंद्रों पर बैठे अभ्यर्थियों को मिलने वाले अंक (marks), उत्तीर्ण (pass) होने वाले अभ्यर्थी और अन्य तकनीकी पहलुओं (technical issues) की आंतरिक जांच भी कर रहा है।
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आयोग के लिए इस मामले में ई-मेल (E-Mail) और वॉट्सएप नंबर सहायक साबित हुए थे। मोबाइल से किसी बाथरूम (शौचालय) में पेपर की फोटो (PHOTO) लेने, बाथरूम में मटमैले रंग की टाइल्स (TILES), सफेद रंग का सिरेमिक वॉशबेसिन (wash basin) अथवा यूरोपियन पॉट (Europeon pot) होने जैसे तथ्य उजागर हुए। इनके बूते ही आयोग और पुलिस सूत्रधार और केंद्र तक पहुंचे थे।
आयोग के लिए इस मामले में ई-मेल (E-Mail) और वॉट्सएप नंबर सहायक साबित हुए थे। मोबाइल से किसी बाथरूम (शौचालय) में पेपर की फोटो (PHOTO) लेने, बाथरूम में मटमैले रंग की टाइल्स (TILES), सफेद रंग का सिरेमिक वॉशबेसिन (wash basin) अथवा यूरोपियन पॉट (Europeon pot) होने जैसे तथ्य उजागर हुए। इनके बूते ही आयोग और पुलिस सूत्रधार और केंद्र तक पहुंचे थे।