सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में 26 जनसंपर्क अधिकारियों की भर्ती के लिए आयोग ने बीते वर्ष जून में आवेदन मांगे थे। लिखित परीक्षा 22 अक्टूबर को कराई गई। आयोग ने 13 दिसंबर को इसका परिणाम जारी किया गया। इसमें 81 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए सफल घोषित किए गए।
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लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को साक्षात्कार का इंतजार है। आयोग ढाई महीने बाद भी साक्षात्कार कार्यक्रम जारी नहीं कर पाया है।
लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को साक्षात्कार का इंतजार है। आयोग ढाई महीने बाद भी साक्षात्कार कार्यक्रम जारी नहीं कर पाया है।
Read More: देश में संविधान की मूल भावना की उड़ रही है धज्जियां -गहलोत शैक्षिक योग्यता पर उठे थे सवाल पद की शैक्षिक योग्यता को लेकर अभ्यर्थियों ने नाराजगी जताई थी। आयोग ने जनसंपर्क अधिकारी पद के लिए आवेदन मांगे थे। इसमें पत्रकारिता में तीन वर्षीय बेचलर डिग्रीधारकों को आवेदन से वंचित रखा गया। जबकि डिप्लोमा धारकों से आवेदन लिए गए। यह सीधे तौर पर अभ्यर्थियों के हितों से कुठाराघात है। अधिकांश पत्रकारों अथवा अभ्यर्थियों ने वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय से मान्य डिग्री प्राप्त की है। इसे दरकिनार कर पत्रकारिता में डिप्लोमा धारकों को तवज्जो दी गई है।
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अन्य आयोग में यह स्थितिअभ्यर्थियों ने बताया कि कई राज्यों के लोक सेवा आयोग ने भी जनंसपर्क अधिकारी पद के लिए आवेदन मांगे जाते हैं वहां पत्रकारिता में बैचलर डिग्री धारकों को प्राथमिकता दी गई है। डिप्लोमा को संबंधित आयोग ने मान्य नहीं माना।
हिंसा से बढ़ा रही लोगों में अलगाव एवं अकेलापन देश में बढ़ती हिंसक वारदात चिंताजनक है। इससे लोग सामाजिक अलगाव एवं अकेलेपन का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में सूफीवाद की प्रेम, भाईचारे और शांति के संदेश को आत्मसात करना चाहिए। यह बात दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने कही।