राजस्थान लोक सेवा आयोग 7 दिसंबर से चार सदस्यीय रह जाएगा। सदस्य राजकुमारी का छह वर्षीय कार्यकाल खत्म होने के बाद यह स्थिति बनेगी। पूर्व में डॉ. शिवसिंह राठौड़ और रामूराम राइका का कार्यकाल खत्म हो चुका है। ऐसे में सरकार को तीन सदस्यों की नियुक्ति करनी होगी।
नियमानुसार आयोग में अध्यक्ष सहित सदस्य छह वर्ष अथवा 62 वर्ष की आयु पूरी होने तक रह सकते हैं। राजकुमारी गुर्जर की नियुक्ति तत्कालीन भाजपा सरकार में 7 दिसंबर 2016 को हुई थी। उनका छह साल का कार्यकाल आगामी 6 दिसंबर को पूरा होगा।
सिर्फ चार सदस्य चलाएंगे आयोग
गुर्जर के बाद आयोग में डॉ. संगीता आर्य, डॉ. जसवंत राठी, बाबूलाल कटारा और डॉ. मंजु शर्मा ही सदस्य रहेंगे। आरएएस 2021, सब इंस्पेक्टर भर्ती सहित अन्य भर्तियों के साक्षात्कार और पुरानी-नई भर्ती परीक्षाएं, डीपीसी कराने सहित कई कामकाज बढ़ गए हैं। सरकार को जल्द तीन सदस्यों की नियुक्ति करनी होगी। सदस्यों की नियुक्ति में जितनी देरी होगी उतनी आयोग की समस्याएं बढ़ेंगी। चाहे कांग्रेस हो या भाजपा हर बार आरपीएससी में सदस्यों की नियुक्ति लेटलतीफ ही हुई है। भाजपा राज में दो बार अध्यक्ष पद भी 80 दिन खाली रह चुका है।
जब चौधरी ही थे कर्ताधर्ता
आयोग में 6 फरवरी से 17 अप्रेल 2008 तक एक समय ऐसा भी आया जब सिर्फ सी. आर. चौधरी ही एकमात्र अध्यक्ष और सदस्य रहे। तत्कालीन सदस्य प्रो. एच. ए. एस. जाफरी, एच. एन. मीणा और विनोद बिहारी शर्मा का कार्यकाल खत्म होने के कारण यह स्थिति बनी थी। इसके बाद तत्कालीन भाजपा सरकार ने 18 अप्रेल 2008 को शिवपाल सिंह नांगल, के. एल. बैरवा और एच. एल. मीणा तथा 4 जुलाई को पी. के. दशोरा और हबीब खान गौरान को सदस्य नियुक्त किया था।