राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने आरएएस मुख्य परीक्षा (RAS Main Exam) -2018 में शामिल अभ्यर्थियों की कॉपियों की जांच शुरू कर दी है। कड़ी सुरक्षा के बीच इनकी जांच की जा रही है।
आयोग (RPSC) ने बीती 25 और 26 जून को आरएएस मुख्य परीक्षा कराई थी। इसमें नॉन टीएसपी क्षेत्र के 980 और टीएसपी क्षेत्र के 37 सहित कुल 1017 पद शामिल हैं। प्रदेश के सातों संभाग मुख्यालयों पर आयोजित परीक्षा (RAS Main Exam) में करीब 22 हजार 984 पंजीकृत थे। आयोग अब परिणाम तैयार करने में जुट गया। अभ्यर्थियों की कॉपियों की जांच शुरू की गई है।
आयोग (RPSC) ने बीती 25 और 26 जून को आरएएस मुख्य परीक्षा कराई थी। इसमें नॉन टीएसपी क्षेत्र के 980 और टीएसपी क्षेत्र के 37 सहित कुल 1017 पद शामिल हैं। प्रदेश के सातों संभाग मुख्यालयों पर आयोजित परीक्षा (RAS Main Exam) में करीब 22 हजार 984 पंजीकृत थे। आयोग अब परिणाम तैयार करने में जुट गया। अभ्यर्थियों की कॉपियों की जांच शुरू की गई है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद परिणाम हाईकोर्ट (High Court) ने आरएएस मुख्य परीक्षा (RAS Main Exam) के परिणाम पर रोक लगाई हुई है। लिहाजा आयोग कोर्ट (court) के आदेशानुसार ही परिणाम जारी करेगा। इसके अलावा परिणाम तैयार होने के बाद इसकी गहनता से जांच होगी। अध्यक्ष और फुल कमीशन की हरी झंडी मिलने पर इसे जारी किया जा सकेगा। मालूम हो कि आयोग ने बीते साल 5 अगस्त को आरएएस प्रारंभिक परीक्षा कराई थी। इसमें कुल 4 लाख 97 हजार 048 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। परीक्षा में 3 लाख 76 हजार 762 अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
उधर प्रदेश की निजी विश्वविद्यालयों द्वारा छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ का मामला सामने आया है। अजमेर की भगवंत यूनिवर्सिटी में 2011 से 2015 के बीच विद्यार्थियों ने बीएससी एग्रीकल्चर की। राजस्थान लोक सेवा आयोग की सहायक कृषि अधिकारी की परीक्षा में इनमें से अनेक विद्यार्थियों ने लिखित परीक्षा उत्तीर्ण कर ली लेकिन दस्तावेज सत्यापन में आयोग ने विश्वविद्यालय की डिग्री को मानने से इन्कार कर दिया। इससे नाराज विद्यार्थियों ने भगवंत यूनिवर्सिटी के बाहर प्रदर्शन किया और विश्वविद्यालय के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उधर भगवंत यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि हमारी यूनिवर्सिटी यूजीसी से मान्यता प्राप्त है। इस संबंध में राज्य सरकार और राजस्थान लोक सेवा आयोग से बात की है। यह मामला आरपीएससी की प्री- लिटिगेशन कमेटी में भी भेजा गया है। प्री- लिटिगेशन कमेटी का फैसला आना बाकी है। यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि आरपीएससी अगर हमारे विद्यार्थियों को साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाती है तो अदालत की शरण ली जाएगी।