विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही से रेप पीडि़ता के बोर्ड परीक्षा देने से वंचित रहने को लेकर राजस्थान पत्रिका में लगातार खबरें प्रकाशित होने के बाद शिक्षा निदेशालय बीकानेर ने मामले को गंभीरता से लिया है। निदेशालय और विभागीय अधिकारियों ने मामले को स्पेशल केस में रखते हुए रेप पीडि़ता का साल बचाने की कवायद शुरू कर दी है। शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों को पूरक परीक्षा में पीडि़ता के मुख्य परीक्षा दिलवाने से संबंधित नियमों की जानकारी मांगी है।
जून में ओपन बोर्ड का विकल्प
शिक्षा निदेशालय ने 12वीं पूरक परीक्षा में नहीं बैठने की स्थिति में बालिका को माशिबो की राजस्थान ओपन बोर्ड परीक्षा दिलवाने की तैयारी के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि माशिबो की ओपन बोर्ड परीक्षा जून में होनी है। इससे पहले पूरक परीक्षा में मुख्य परीक्षा के नियम देखे जाएंगे।
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संरक्षण में स्कूल, शिक्षक भी जिम्मेदार
बाल कल्याण समिति जिलाध्यक्ष अंजली शर्मा ने बाल अधिकारिता विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई अजमेर को पत्र भेजकर पीड़िता को माशिबो की मौजूदा सत्र की पूरक परीक्षा में सम्मिलित कराने के लिए लिखा है। उन्होंने पत्र में स्कूल प्रबंधन व प्रधानाध्यापिका की ओर से बालिका को स्कूल आने से रोकने, बगैर सूचना नाम काटने को गैर जिम्मेदाराना व असंवेदनशील ठहराया। उन्होंने लिखा पीडि़ता को स्कूल प्रबंधन की ओर से सांत्वना मिलने की बजाए उसे प्रताडि़त किया गया। यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण की जिम्मेदारी ना केवल अभिभावकों बल्कि स्कूल, शिक्षकों की भी है।
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इनका कहना है…
प्रकरण में विभागीय सचिव ने बालिका के संबंध में अधिकतम राहत व साल खराब नहीं होने देने की बात कही है। माशिबो के नियम देखें जाएंगे। अन्यथा बालिका को जून में होने वाली ओपन बोर्ड परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी।
– आशीष मोदी, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा विभाग, बीकानेर