उपनिरीक्षक बालूराम चौधरी ने बताया कि 22 अगस्त को एक युवती ने रिपोर्ट (report)दी कि सेंदरिया निवासी हरिसिंह उसको गत 19 मई को जबरन साथ ले गया। आरोपी ने पहले किशनगढ़ व फिर राजमार्ग (Highway) पर श्रीनगर गांव के निकट स्थित होटल के कमरे में उसके साथ बलात्कार किया। पीडि़ता ने बताया कि आरोपी उसको यहां से अजमेर लेकर आया। यहां भी उसने बलात्कार किया। उसके इस कृत्य में महेन्द्रसिंह, जसवंत सिंह व अन्य ने सहयोग किया। पुलिस ने पीडि़ता की शिकायत पर मामला दर्ज कर पड़ताल शुरू कर दी है।
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एसआई चौधरी ने बताया कि शुक्रवार को पीडि़ता का जवाहरलाल नेहरू अस्पताल(jlnh) में मेडिकल (Medical) कराया है। पीडि़ता के बयान के बाद पुलिस ने श्रीनगर राजमार्ग स्थित होटल का निरीक्षण (Hotel inspection)किया। अब पीडि़ता के अदालत में 164 में बयान दर्ज कराए जाएंगे।
एसआई चौधरी ने बताया कि शुक्रवार को पीडि़ता का जवाहरलाल नेहरू अस्पताल(jlnh) में मेडिकल (Medical) कराया है। पीडि़ता के बयान के बाद पुलिस ने श्रीनगर राजमार्ग स्थित होटल का निरीक्षण (Hotel inspection)किया। अब पीडि़ता के अदालत में 164 में बयान दर्ज कराए जाएंगे।
Read MOre : Student union election: मुझे मत बताओ नियम, वरना मैं समझा दूंगा कानून.. यह भी पढ़ें : नाली में मिला बालक का भ्रूण अजमेर. सदर कोतवाली थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह छह माह का भ्रूण मिलने से सनसनी फैल गई। अज्ञात व्यक्ति ने भू्रण को थैली में बांधकर नाली में फेंक दिया था। इस पर आवारा जानवर मुंह मार रहे थे। पुलिस ने भ्रूण को मोर्चरी (Morchery) में रखवाया है। पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है।
थानाप्रभारी छोटीलाल ने बताया कि मूंदड़ी मोहल्ले में शुक्रवार सुबह नाली में भ्रूण पड़ा होने की सूचना पर पहुंचे। यहां करीब छह से सात माह का मानव भ्रूण (बालक) मिला। भ्रूण (Fetus) को पॉलीथिन में बांधकर फैंका गया। घटनास्थल के आस-पास पड़ताल के बाद भ्रूण को जेएलएन अस्पताल (JLN Hospital) की मोर्चरी में रखवाया है। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
थानाप्रभारी छोटीलाल ने बताया कि मूंदड़ी मोहल्ले में शुक्रवार सुबह नाली में भ्रूण पड़ा होने की सूचना पर पहुंचे। यहां करीब छह से सात माह का मानव भ्रूण (बालक) मिला। भ्रूण (Fetus) को पॉलीथिन में बांधकर फैंका गया। घटनास्थल के आस-पास पड़ताल के बाद भ्रूण को जेएलएन अस्पताल (JLN Hospital) की मोर्चरी में रखवाया है। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
फेंकें नहीं, देवें पालनागृह
राज्य सरकार ने अनचाहे बच्चों को फेंकने की बजाए उन्हें पालना गृह (Crib house) में छोडऩे की व्यवस्था की है। इसके लिए जिले के बड़े अस्पतालों में पालनागृह बनाया गया है। जहां बच्चे को छोडऩे पर किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई नहीं की जाती है।
राज्य सरकार ने अनचाहे बच्चों को फेंकने की बजाए उन्हें पालना गृह (Crib house) में छोडऩे की व्यवस्था की है। इसके लिए जिले के बड़े अस्पतालों में पालनागृह बनाया गया है। जहां बच्चे को छोडऩे पर किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई नहीं की जाती है।
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