Rajasthan News: RPSC के 74 साल तक के इतिहास में जो नहीं हो सका, क्या इस बार होगा?
RPSC: राज्य में महिलाएं राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभाध्यक्ष, मंत्री, जिला प्रमुख, सरपंच आदि के पद तो संभाल चुकी हैं, लेकिन राजस्थान लोक सेवा आयोग को कभी भी महिला अध्यक्ष नहीं मिली है। आयोग अगले माह 22 जनवरी को 75वें साल में प्रवेश करेगा लेकिन उसे अब भी महिला मुखिया का इंतजार है।
रक्तिम तिवारी RPSC: राज्य में महिलाएं राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभाध्यक्ष, मंत्री, जिला प्रमुख, सरपंच आदि के पद तो संभाल चुकी हैं, लेकिन राजस्थान लोक सेवा आयोग को कभी भी महिला अध्यक्ष नहीं मिली है। आयोग अगले माह 22 जनवरी को 75वें साल में प्रवेश करेगा लेकिन उसे अब भी महिला मुखिया का इंतजार है।
सरकारी विभागों में आरएएस एवं अधीनस्थ सेवाओं, कॉलेज लेक्चरर, मेडिकल कॉलेजों और सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स, सरकारी स्कूलों में हैडमास्टर, प्रथम और द्वितीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती के लिए 22 दिसंबर 1949 को राजस्थान लोक सेवा आयोग सेवा का गठन किया गया था। डॉ. एस. के. घोष 1 अप्रेल 1949 को इसके प्रथम अध्यक्ष बने थे। तबसे सिर्फ पुरुष ही आयोग में अध्यक्ष का पद संभालते चले आ रहे हैं।
आयोग 75 वें साल में प्रवेश कर रहा है, पर अध्यक्ष पद महिलाओं से दूर है। महिला को चेयरपर्सन बनाने की पहल किसी सरकार में नहीं की गई। हालांकि अखिल भारतीय स्तर की प्रशासनिक सेवाओं की परीक्षा कराने वाले संघ लोक सेवा आयोग में ऐसा नहीं रहा। यूपीएससी में 1992 में आर.एम. बैथ्यू, 2014 में रजनी राजदान, 2017 में अलका सिरोही अध्यक्ष बन चुकी हैं। कई अन्य राज्यों के लोक सेवा आयोग में भी महिलाएं सदर की कुर्सी संभाल चुकी हैं।
बनाया जा रहा सदस्य आरपीएससी में महिला अध्यक्ष तो नहीं लेकिन सदस्य बन रही हैं। कांता कथूरिया, कमला भील, डॉ. प्रकाशवती शर्मा, दिव्या सिंह, डॉ. संगीता आर्य और डॉ. मंजु शर्मा महिला सदस्य के रूप में नामित होती रही हैं।
चयन में महिलाओं की धाक आयोग की भर्तियों में भी महिलाएं पुरुषों को पीछे छोड़ रही हैं। आरएएस 2021 की टॉप-20 सूची में 11 महिलाएं शामिल हैं। इसी तरह कॉलेज व्याख्याता, सब इंस्पेक्टर, चिकित्सा शिक्षा, स्कूल प्राध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक और अन्य भर्तियों में महिलाओं का दबदबा कायम है।