इन ग्राम पंचायतों को वापस पाली जिले में शामिल करने को लेकर सोजत विधायक द्वारा कमेटी को लिखे पत्र से सियासत गरमा गई है। रायपुर क्षेत्र में लोग मांग को लेकर लामबंद होने लगे हैं। इस मामले को लेकर रायपुर प्रधान कमला रावत के नेतृत्व में क्षेत्र के सरपंचों ने कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत से मुलाकात कर रायपुर पंचायत समिति का पुनर्गठन करने की स्थिति में उपतहसील मुख्यालय सेंदडा को उपखंड व पंचायत समिति मुख्यालय बनाने की मांग उठाई है। उधर, रायपुर के अभिभाषक रायपुर उपखंड के विभाजन का विरोध कर रहे हैं।
सरपंचों ने उठाई मांग
नए जिले ब्यावर में शामिल रायपुर पंचायत समिति की 40 ग्राम पंचायतों मे सें 12 को फिर से पाली जिले में शामिल करने की मांग के बाद क्षेत्र के जनप्रतिनिधि मुखर हो गए हैं। सरपंचों ने कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत को ज्ञापन सौंपा। इसमें सोजत विधानसभा की 12 ग्राम पंचायतों को पाली जिले में शामिल करने पर सेंदड़ा उपतहसील मुख्यालय को उपखण्ड व पंचायत समिति मुख्यालय बनाए जाने की मांग की।यह जनप्रतिनिधि रहे शामिल
इस मौके पर रायपुर प्रधान कमला चौहान, रतन सिंह भाटी, केशरसिंह रावत, महेंद्र सिंह चौहान, परमेश्वर सिंह, छोटूराम गुर्जर, गुलाबसिंह रावत, रमेश सिंह रावत सहित कई अन्य उपस्थित रहे।इसलिए उठी है मांग…
सोजत विधायक शोभा चौहान ने जिन 12 ग्राम पंचायतों को पाली जिले में शामिल करने की मांग की। इसमें रायपुर भी शामिल है। रायपुर फिलहाल पंचायत समिति व उपखंड मुख्यालय है। ऐसे में अगर उपखंड व पंचायत समिति मुख्यालय ही पाली जिले में शामिल हो जाता है तो पंचायत समिति व उपखंड मुख्यालय नया सृजित होगा। इसके चलते सेंदडा को पंचायत समिति मुख्यालय व उपखंड मुख्यालय बनाने की मांग की जा रही है।रायपुर उपखंड के विभाजन का विरोध शुरू
सोजत विधायक शोभा चौहान के उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखने के बाद रायपुर उपखंड के विभाजन की कवायद का विरोध शुरू हो गया है। रायपुर उपखंड को विभाजित नहीं कर एक ही जिले में रखने की मांग को लेकर संघर्ष समिति का गठन कर विरोध की तैयारी शुरु हो गई है। इस मामले को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड को भी ज्ञापन सौंपा गया है।यह बताया आधार
सेन्दड़ा आजादी के पूर्व से ही जैतारण विधानसभा का एकमात्र ऐसा रेलवे स्टेशन है जो राष्ट्रीय राजमार्ग 162 से सटा हुआ है। सेन्दड़ा को वर्ष 1977 से राष्ट्रीय भू धरोहर स्थल स्मारक का दर्जा मिला हुआ है। सेन्दड़ा को राज्य सरकार ने वर्ष 2013 में उपतहसील का दर्जा दिया जिसमें सेन्दड़ा, बाबरा, प्रतापगढ़, रातड़िया, पाटन, सुमेल, रावणिया, नानणा, रेलड़ा,अमरपुरा, गिरी, बूटीवास, मेसिया, चांग, चिताड़, देवगढ़ सहित सोलह ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया। यह भी पढ़ें