मानसून की अवधि 1 जून से 30 सितम्बर (122 दिन) तक मानी जाती है। इसमें आषाढ़, सावन, भादौ और आसोज माह प्रमुख होते हैं। इस बार मानसून की सक्रियता से पहले मौसम विभाग, स्काईमेट सहित कई संस्थाओं ने अलनीनो प्रभाव के चलते भरपूर बरसात की घोषणा की थी। जुलाई में हुई कम बरसात ने चिंता बढ़ा दी। लेकिन अगस्त और सितम्बर के पहले पखवाड़े में हुई ताबड़तोड़ बरसात ने कमी पूरी कर दी।
मानसून के दौरान बरसात
117.31 मिलीमीटर- 1 से 31 जुलाई
335 मिलीमीटर बरसात-1 से 31 अगस्त
260 मिलीमीटर-1 से 15 सितम्बर
15 से 29 सितम्बर-बरसात नहीं
कुल बरसात-712.31 मिलीमीटर
दो बार खुले आनासागर के गेट
15.1 फीट-26 अगस्त
17 फीट 11 इंच-5 सितम्बर
अलनीनो का रहा असर
इस बार मानसून की मेहरबानी की असली वजह अलनीनो है। इसे इंडियन ओशियन डाइपोल भी कहा जाता है। मौसम विभाग और अन्य संस्थानों ने अलनीनो के चलते अच्छी बरसात के आसार जताए थे। संस्थानों का यह दावा सही साबित हुआ है।
कहां कितनी बरसात
अजमेर 946, बूढ़ा पुष्कर 806, गोविन्दगढ़ 693, पुष्कर 676, नसीराबाद 1026, पीसांगन 788, मांगलियावास 859, गेगल 215 रूपनगढ़ 738, किशनगढ़ में 602, श्रीनगर 537, बांदरसिंदरी 488, अरांई 886
बांधों में पानी की स्थिति
आनासागर 13 , फॉयसागर 26.9 , रामसर 11, गोविन्दगढ 2.35 बूढ़ा पुष्कर 6, खानपुरा तालाब 10.6, चौरसियावास 6.4, छोटा तालाब चाट किशनगढ़ 10.1, लाखोलाव हनुतिया 11, भीमसागर तिहारी 13.6, खीरसमन्द रामसर 5.6, मदनसागर डीडवाडा 12.5, रणसमन्द, नयागांव 12.2, पुष्कर 23.6, कोडिया सागर अरांई 9.5, सुख सागर सिरोंज 6, जवाहर सागर सिरोंज 8.2, सुरखेली सागर अरांई 8.5, विजयसागर लाम्बा में 10.5, किशनसागर गागून्दा 9.9 फीट, नया सागर मोठी 1.20