जानवरों के नाम पर कंडक्टर
जानवरों के नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानक प्रणाली का हिस्सा है। इससे दुनियाभर में इंजीनियर और टेक्नोक्रेटस के लिए इन्हें समझने में आसानी होती है। बिजली कंडक्टर के आकार और उनके भौतिक गुणों की तुलना जानवरों के साथ की जाती है। जैसे स्क्वायरल और रैबिट हल्के कंडक्टर होते हैं। जेब्रा, पैंथर, बियर भारी कंडक्टर होते हैं। यह भी पढ़ें – बल्ले-बल्ले, राजस्थान के सरकारी आफिसों का बिजली बिल आएगा जीरो! सरकार ने बनाई योजना
प्लांट से पहुंचाते घरों तक बिजली
बिजली लाइन में उपयोग होने वाले कंडक्टर प्लांट से घरों तक बिजली पहुंचाते हैं। यह ऐसे उपकरण हैं जो लाइनों में बिजली का प्रवाह कुशलता से करते हैं। बिजली कंडक्टर की लाइनों में अहम भूमिका होती है। यह एल्यूमिनियम, कॉपर, टंगस्टन और अन्य धातुओं से बनते हैं। कंडक्टर के डिजाइन का चयन बिजली की जरूरत और भौगोलिक क्षेत्र के अनुसार किया जाता है। यह भी पढ़ें – Alwar News : स्थानीय निकाय चुनाव दिसंबर के आखिरी सप्ताह में कराने की तैयारी
2- रैबिट – मध्यम – हल्के लोड के लिए।
3- डॉग – भारी- सामान्य वितरण लाइनों के लिए।
4- वुल्फ – अधिक भारी-हाई वोल्टेज लाइनों के लिए।
5- जेब्रा – अधिक भारी-हाई वोल्टेज लाइनों के लिए।
6- मूस – बहुत भारी-लंबी दूरी और उच्च क्षमता।
यों समझें जानवरों से रिश्ता
1- स्क्वायरल – छोटा-छोटी दूरी के लिए उपयोग।2- रैबिट – मध्यम – हल्के लोड के लिए।
3- डॉग – भारी- सामान्य वितरण लाइनों के लिए।
4- वुल्फ – अधिक भारी-हाई वोल्टेज लाइनों के लिए।
5- जेब्रा – अधिक भारी-हाई वोल्टेज लाइनों के लिए।
6- मूस – बहुत भारी-लंबी दूरी और उच्च क्षमता।
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समझने में होती है आसानी
बिजली के कंडक्टर और लाइनों के नाम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होते हैं। इन्हें समझने में आसानी होती है। निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति के लिए इन्हें बदला जाता है। एन.एस.निर्वाण, पूर्व एमडी अजमेर डिस्कॉम यह भी पढ़ें – राजस्थान में पीएमश्री विद्यालयों में संचालित होगी प्री प्राथमिक कक्षाएं, 21 नवंबर से प्रवेश शुरू, आदेश जारी