04 : साल पहले ली गई अदालत की शरण
52 : करोड़ से अधिक थी एफडीआर राशि अजमेर. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान को छह साल (six year) के लम्बे इंतजार और काफी मशक्कत के बाद आखिर 52 करोड़ 20 लाख रुपए मूल्य की 43 एफडी का हक मिल गया है। फिक्सड डिपोजिट (Fixed deposit) के तहत यह राशि ब्याज के साथ बढकऱ अब 70 करोड़ रुपए (70 crores rupees) तक पहुंच चुकी है। विशेष सत्र न्यायालय (धन शोधन निवारण) जयपुर ने यह एफडी बोर्ड के सुपुर्द करने के आदेश जारी किए हैं।
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Rajasthan Board of Secondary Education) ने अपने अधिवक्ता के जरिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र पेश किया था कि बोर्ड के वित्तीय प्रबंधन के लिए उक्त जब्तशुदा फिक्सड डिपोजिट की आवश्यकता है। बोर्ड के प्रार्थना पत्र पर न्यायालय ने भ्रष्टाचार निरोधक विभाग (Acb) के तर्क सुनने के पश्चात् यह एफडीआर बोर्ड को सौंपने का निर्णय दिया।
52 : करोड़ से अधिक थी एफडीआर राशि अजमेर. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान को छह साल (six year) के लम्बे इंतजार और काफी मशक्कत के बाद आखिर 52 करोड़ 20 लाख रुपए मूल्य की 43 एफडी का हक मिल गया है। फिक्सड डिपोजिट (Fixed deposit) के तहत यह राशि ब्याज के साथ बढकऱ अब 70 करोड़ रुपए (70 crores rupees) तक पहुंच चुकी है। विशेष सत्र न्यायालय (धन शोधन निवारण) जयपुर ने यह एफडी बोर्ड के सुपुर्द करने के आदेश जारी किए हैं।
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Rajasthan Board of Secondary Education) ने अपने अधिवक्ता के जरिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र पेश किया था कि बोर्ड के वित्तीय प्रबंधन के लिए उक्त जब्तशुदा फिक्सड डिपोजिट की आवश्यकता है। बोर्ड के प्रार्थना पत्र पर न्यायालय ने भ्रष्टाचार निरोधक विभाग (Acb) के तर्क सुनने के पश्चात् यह एफडीआर बोर्ड को सौंपने का निर्णय दिया।
Read more : ACB Inquiry: एसीबी ने मांगा यूनिवर्सिटी प्रोफेसर का वेतन ब्यौरा उल्लेखनीय है कि 15 मार्च 2013 को भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने बोर्ड के तत्कालीन वित्तीय सलाहकार नरेन्द्र तंवर के पंचशील नगर स्थित निवास से माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के कोष की 43 एफडीआर (Fdr) बरामद की थी। तंवर ने विभिन्न बैंकों में शिक्षा बोर्ड के फर्जी खाते खोल रखे थे और बोर्ड की करोड़ों रुपए की राशि इन खातों में जमा कराकर एफडीआर बना ली। फर्जीवाड़े की शिकायत के बाद भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने तंवर पर शिकंजा कसा। इस घोटाले के बाद तंवर काफी समय तक जेल में रहे।
बोर्ड सचिव मेघना चौधरी ने किए प्रयास शिक्षा बोर्ड में सचिव (Secretary in the Board of Education) का कार्यभार संभालने के बाद मेघना चौधरी ने अदालत मे अटकी हुई इस राशि को वापस बोर्ड को दिलाने के गंभीर प्रयास शुरू किए। उन्होंने अधिकारियों से इस प्रकरण की पूरी जानकारी ली और 27 अगस्त 2015 में न्यायालय में प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया। चार वर्ष (Fore year) तक चली कानूनी प्रक्रियाओं के बाद आखिर उनकी मेहनत रंग लाई और बोर्ड को लगभग 70 करोड़ रुपए की भारी भरकम राशि का हक मिल गया।