अजमेर

Patrika Impact:-रेप पीडि़ता को माशिबो की पूरक परीक्षा में बिठाने के होंगे प्रयास

पत्रिका : खबर का असर (04 अप्रेल को प्रकाशित ), जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने लिया संज्ञान,सीडब्ल्यूसी ने सामने रखे प्रकरण के हालात

अजमेरApr 07, 2024 / 04:23 am

manish Singh

Patrika Impact:-रेप पीडि़ता को माशिबो की पूरक परीक्षा में बिठाने के होंगे प्रयास

अजमेर. रेप पीडि़ता का स्कूल से नाम काटने के मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने संज्ञान लिया है। प्राधिकरण अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायाधीश संगीता शर्मा के निर्देश पर सचिव रामपाल जाट ने जिला बाल संरक्षण इकाई की उप निदेशक से प्रकरण में अब तक की कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की है।

पीडि़ता को कानूनी सहायता प्रदान करने व पीडि़त प्रतिकर स्कीम में आर्थिक मदद दिलवाने के संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। राजस्थान पत्रिका में 4 अप्रेल के अंक में ‘रेप पीडि़ता को स्कूल आने से रोका, बगैर बताए नाम काटा’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित होने के बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने संज्ञान लिया। सचिव व अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश रामपाल जाट ने पीडि़ता को यथासंभव कानूनी सहायता और पीडि़त प्रतिकर स्कीम में मुआवजा दिलवाने से संबंधित दस्तावेज तैयार करने के लिए पैरालीगल वॉलेंटियर किरण रावत को निर्देशित किया।

पुलिस रोके मानसिक प्रताड़नाप्राधिकरण सचिव जाट ने जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला शिक्षा अधिकारी को प्रकरण में आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने एसपी देवेन्द्र कुमार विश्नोई व उपअधीक्षक अजमेर ग्रामीण रामचन्द्र चौधरी को पीडिता का सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो रोकने व डिलीट करवाने के लिए पत्र भेजा, ताकि पीडि़ता को मानसिक प्रताड़ना रोकी जा सके।

पूरक परीक्षा है एकमात्र रास्ता

प्रकरण में जिला बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अंजली शर्मा, सदस्य अरविन्द मीणा व राजलक्ष्मी करारिया, चाइल्ड लाइन काउंसलर प्रेमनारायण शर्मा, पीडि़ता व उसके पिता ने प्राधिकरण सचिव जाट से मुलाकात की। उन्होंने समिति सदस्यों को प्रकरण में आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। समिति अध्यक्ष ने पीडि़ता को स्पेशल केस में रखते हुए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की पूरक परीक्षा में सम्मिलित कर साल बचाने, स्कूल की मान्यता रद्द करने व स्कूल प्रशासन से बालिका की शिक्षा के लिए जुर्माना वसूलने की बात कही।

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इनका कहना है…

पत्रिका की खबर पर प्राधिकरण की अध्यक्ष व जिला सत्र न्यायाधीश ने पीडि़ता के पुनर्वास, विधि सेवा और पीडि़त प्रतिकर में आर्थिक सहायता देने के आदेश दिए। पीडि़ता का शैक्षणिक साल खराब ना हो इसके लिए कानूनी दायरे में रहकर कार्रवाई की जाएगी। स्कूल प्रबंधन का व्यवहार पीडि़ता के साथ गैरजिम्मेदाराना व सभ्य समाज में कतई उचित नहीं है। संबंधित विभाग को तुरन्त कार्रवाई करनी चाहिए।

– रामपाल जाट, सचिव, विधिक सेवा प्राधिकरण व एडीजे

 

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