अब तक प्रकरण में घायल हुए 8 होटल कर्मचारियों के बयान डीआईजी (विजलेन्स) सिंह व सीओ अजमेर ग्रामीण मनीष बड़गुर्जर दर्ज कर चुके हैं।डीआईजी(विजिलेंस) प्रकरण में आईएएस और आईपीएस की लिप्तता के साथ जिला व गेगल थाना पुलिस की ओर से बरती गई लापरवाही से जुड़े तथ्यों की विभागीय जांच कर रहे हैं। वह शनिवार को पहले गेगल थाने और फिर होटल मकराना राज पहुंचे। उन्होंने 11 जून की रात पुलिस थाने पर मौजूद पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए। यहां एएसपी अजमेर(ग्रामीण) वैभव शर्मा मौजूद थे।
सुबह पता चला आईएएस-आईपीएस का
डीआईजी सिंह ने गगवाना स्थित होटल मकरानाराज में होटल कर्मचारी उमेश समेत 7 अन्य कर्मचारियों के बयान लिए। पत्रिका पड़ताल में सामने आया कि होटल के कर्मचारियों ने बयान में मारपीट की वारदात के समय आईएएस गिरधर व आईपीएस सुशील विश्नोई की मौजूदगी की बात कबूली है। होटल संचालक महेन्द्र सिंह ने बताया कि कर्मचारियों ने अपने बयान में बताया कि उन्हें रात में मारपीट करने वालों में आईएएस गिरधर और आईपीएस विश्नोई के होने की जानकारी नहीं थी लेकिन सुबह उन्हें पतां चला कि पीटने वाले दोनों अधिकारी थे। वे उनको सामने आने पर पहचान सकते हैं।
थाने के सीसीटीवी फुटेज अहम कड़ी
सूत्रों के मुताबिक विजिलेंस जांच में थाने में लगे सीसीटीवी के फुटेज भी प्रकरण की जांच में शामिल किए गए हैं। गौरतलब है कि 11 जून की रात आईएएस गिरधर व आईपीएस विश्नोई होटल पर विवाद के बाद गेगल थाने पहुंचे थे। इसके बाद होटल संचालक के आगमन पर मुकदमा दर्ज करने की कवायद हुई। यह सब सीसीटीवी कैमरे में कैद है।
सीओ की जांच रिपोर्ट का इंतजार
प्रकरण की जांच कर रहे वृत्ताधिकारी अजमेर ग्रामीण मनीष बड़गुर्जर अब तक चार होटलकर्मियों के बयान दर्ज कर चुके हैं। बयानों के आधार पर ही मुकदमे की दशा और दिशा तय होना माना जा रहा है।
यह है मामला
गत 11 जून की रात 2 बजे आईपीएस विश्नोई अपने मित्र आइएएस गिरधर व अन्य के साथ होटल मकराना राज पहुंचे। यहां उन्हें कॉमन टॉयलेट में जाने के लिए कहने व होटलकर्मी को टॉवल-बनियान में घूमने के लिए टोकने पर विवाद हो गया। इसके बाद विश्नोई मित्रों के साथ गेगल थाने गए। आरोप है कि एएसआई रूपाराम के साथ लौटने पर उन्होंने होटल कर्मचारियों से स्टाफ रूम में घुसकर मारपीट की। घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। होटलकर्मी ने प्रकरण में गेगल थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।