अजमेर.
शहर में सिटी ट्रांसपोर्ट के लिए परिवहन विभाग ने 29 रूट पर टेम्पो-बस को लोकल परमिट दे रखे हैं। जबकि इन्ही में करीब आधा दर्जन रूट ऐसे हैं जहां परमिट लेने में किसी का रुझान नहीं है। जबकि शहर के दो-तीन रूट अन्य सभी शहरी मार्गों पर भारी हैं। ऐसे रूट पर ढाई सौ से ज्यादा वाहनों को परमिट दिए गए हैं। हालांकि सभी सड़क पर नहीं दौड़ रहे।
यहां नहीं रुझान
शहर में 5 रूट ऐसे हैं जहां एक भी वाहन सिटी परमिट पर नहीं चल रहा। इसके अलावा 8 सिटी रूट पर 10 या इससे कम वाहन हैं। इनमें 5 रूट पर तो सिर्फ 2-2 टेम्पो ही हैं। जिससे इन क्षेत्रों में लोगों को ज्यादा किराये में ऑटो या ई-रिक्शा लेना पड़ता है।
अजमेर सिटी ट्रांसपोर्ट रूट व उन पर जारी वाहन परमिट-
रूट सं.———-कहां से कहां तक—————————कितने वाहन
1—————चन्दवरदाई नगर से वैशालीनगर————40
2—————चन्दवरदाई नगर से माकड़वाली————-53
3—————-हजारी बाग से शास्त्रीनगर मार्ग————-10
4—————-ज्वाला प्रसाद नगर से नाका मदार———-62
5—————-डबल फाटक से लोहाखान——————131
6—————ज्वाला प्रसाद वाया मीरशाअली मदार——-05
7—————-हटूण्डी से मदसविश्वविद्यालय—————260
8—————धोलाभाटा से कुन्दन नगर——————16
9—————फॉयसागर से दौराई हाउसिंग बोर्ड———–34
10————–माखुपुरा चौराहा से महाराणा प्रताप नगर—-29
11—————तबीजी से शास्त्रीनगर———————-26
12—————कल्याणीपुरा-कुन्दन नगर—————-15
15—————-गुवारड़ी से माटिण्डल ब्रिज—————19
16—————पहाड़गंज से नाका मदार——————एक
18—————धोलाभाटा से जनाना अस्पताल———–10
19—————दहारसेन स्मारक से युनिवर्सिटी———-138
20—————रोडवेज बस स्टैण्ड से अन्दर कोट———17
21—————रोडवेज बस स्टैण्ड से बोराज————–07
24—————माखुपुरा से घूघरा अशोक उद्यान———-05
25—————-दौराई से फॉयसागर———————02
26—————-हटूंडी से नारेली जैन मंदिर————–02
27—————बड़लिया चौराहा से माकड़वाली———–02
28—————दौराई से जनाना अस्पताल—————02
29—————-हटूंडी से नौसर बस स्टैण्ड—————-02
यहां नहीं वाहन
13————–धोलाभाटा रामदेव मंदिर से पलटन बाजार–शून्य
14————–नारीशाला से जनाना अस्पताल————-शून्य
17————-रामेश्वरम विद्यापीठ से जनाना अस्पताल—–शून्य
22————-माखुपुरा से दौराई—————————शून्य
23————-माखुपुरा से अजयनगर———————-शून्य
नोट-परिवहन विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार।
इनका कहना है…
सिटी रूट आमजन की सुविधा के लिए बनाए गए हैं। अजमेर शहर के कम वाहनों वाले रूट पर परमिट देने की कवायद की जाएगी। किसी रूट पर ज्यादा दबाव है तो उससे वाहन कम भी किए जाएंगे।
डॉ. वीरेन्द्रसिंह राठौड़, एआरटीओ अजमेर