डीआईजी (अजमेर रेंज) ओमप्रकाश ने बताया कि आमतौर पर देखने में आया है कि परिवादी नागौर, टोंक और शाहपुरा से परिवाद लेकर अजमेर रेंज कार्यालय पहुंचते हैं। कई बार राजकाज के चलते परिवादी से उनकी मुलाकात नहीं हो पाती। इससे दूरदराज से आने वाले बुजुर्ग, महिला परिवादियों को समय के साथ परिवहन पर धन खर्च करना पड़ता है। इन समस्याओं का समाधान ई-सुनवाई के जरिए सम्भव है।
छह माह में 700 परिवाद
उन्होंने बताया कि मई से जुलाई और अगस्त से अक्टूबर 2024 तक के अजमेर रेंज कार्यालय में आने वाले परिवाद और उनकी संख्या का अवलोकन किया गया। पड़ताल में आया कि प्रत्येक तिमाही में अजमेर रेंज से करीब 350 परिवादी अजमेर पीड़ा लेकर पहुंचते हैं। ऐसे में प्रतिदिन औसत 4-5 परिवाद हैं। परिवादी के उचित कारण सामने आने पर संबंधित थानाधिकारी व अनुसंधान अधिकारी को नोटिस दिए जाएंगे। ये भी पढ़ें…पुलिस की रफ्तार बढ़ी तो रेंज में घटे 12 फीसदी महिला अपराध