मानसून (monsoon) प्रदेश और जिले पर मेहरबान है। अजमेर जिले की बरसात (heavy rain in ajmer) का आंकड़ा 900 मिलीमीटर तक पहुंच चुका है। सितंबर अंत तक मानसून सक्रिय रहा तो जिला देश के औसत बरसात (average rain) के आंकड़े को छू सकता है।
जिले में 1 जून से 4 जुलाई तक महज 35 मिलीमीटर बारिश (barsih) हुई थी। इसके बाद 5 से 7 जुलाई तक मानसून के जिले के पीसांगन, अजमेर, ब्यावर, रूपनगढ़, पुष्कर को झमाझम बरसात (barsat) से भिगोया। इससे बरसात का आंकड़ा बढक़र 89.2 मिलीमीटर तक पहुंच गया। इसके बाद 27 से 29 जुलाई तक 176.83 मिलीमीटर बारिश हुई। 31 जुलाई को जिले की बरसात (rain in ajmer) का आंकड़ा 318.55 मिलीमीटर तक पहुंचा था।
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इस बार अकेले अगस्त में ही 350 मिलीमीटर बरसात (rain in ajmer) हो गई। इनमें से 1 अगस्त को अजमेर में चार घंटे में 114.2 और 16 और 17 अगस्त को 140 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई। इससे बारिश (barish) का आंकड़ा बढक़र 668.55 मिलीमीटर हो गया। इसके बाद 1 से 8 सितंबर तक 251.47 मिलीमीटर बरसात और हो चुकी है।
इस बार अकेले अगस्त में ही 350 मिलीमीटर बरसात (rain in ajmer) हो गई। इनमें से 1 अगस्त को अजमेर में चार घंटे में 114.2 और 16 और 17 अगस्त को 140 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई। इससे बारिश (barish) का आंकड़ा बढक़र 668.55 मिलीमीटर हो गया। इसके बाद 1 से 8 सितंबर तक 251.47 मिलीमीटर बरसात और हो चुकी है।
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मानसून की चार माह की अवधि (जून से सितंबर) होती है। देश में सभी राज्यों (states), केंद्र शासित प्रदेशों (union teretory) की कुल औसत बारिश 1156 मिलीमीटर (प्रतिवर्ष) मानी गई है। अजमेर जिला (ajmer district) देश की औसत बारिश आंकड़े से 276 मिलीमीटर दूर है। मानसून मेहरबान रहा तो जिला यह आंकड़ा पार कर सकता है।
मानसून की चार माह की अवधि (जून से सितंबर) होती है। देश में सभी राज्यों (states), केंद्र शासित प्रदेशों (union teretory) की कुल औसत बारिश 1156 मिलीमीटर (प्रतिवर्ष) मानी गई है। अजमेर जिला (ajmer district) देश की औसत बारिश आंकड़े से 276 मिलीमीटर दूर है। मानसून मेहरबान रहा तो जिला यह आंकड़ा पार कर सकता है।
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-जिले के 90 फीसदी तालाब, बांध, एनिकटों में आया पानी
-अतिवृष्टि/ज्यादा बरसात से बढ़ेगा भूमिगत जलस्तर
-काश्तकारों और आमजन को मिलेगा सालभर पर्याप्त पानी
-अतिवृष्टि से फसलों में खराबा होने के आसार
-पानी से टूटी सडक़ों की करानी पड़ेगी मरम्मत
-मैदानों/प्लॉटों में भरे पानी, सीलन
-बदबू से बीमारियों की आशंका
-जिले के 90 फीसदी तालाब, बांध, एनिकटों में आया पानी
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-अतिवृष्टि से फसलों में खराबा होने के आसार
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जिले की औसत बारिश-550 मिलीमीटर
1 जून से 8 सितंबर तक हुई बारिश-900 मिलीमीटर
औसत से कितनी ज्यादा बारिश-350 मिलीमीटर
जिले की औसत बारिश-550 मिलीमीटर
1 जून से 8 सितंबर तक हुई बारिश-900 मिलीमीटर
औसत से कितनी ज्यादा बारिश-350 मिलीमीटर