गत दिनों सरोवर में अजमेर के कावडि़ए महेश रावत व तोषीना (नागौर) के श्रद्धालु लीलाधर की डूबने से मौत के बाद जिला कलक्टर विश्वमोहन शर्मा ने बाढ़ बचाव कोटे से टीम के रूप में अमित भट्ट, अमरचंद सांखला, अर्जुन भाटी, अरविंद महावर, अशोककुमार महावर, अशोक टाक, चेतनप्रकाश शर्मा, हिम्मत सिंह, किशनगोपाल जाट, लक्ष्मणराम लखारा, व मोतीलाल शर्मा सहित बारह को सूचीबद्ध करते हुए उपखंड अधिकारी पुष्कर के निर्देशन में कार्य करने के निर्देश दिए।
‘हम नहीं कुशल तैराक’ सूची में शामिल लोगों ने पत्रिका से बातचीत की तो अशोक टाक ने बताया कि मैं तैरना नहीं जानता। इसी तरह भवानीशंकर सांखला का कहना था कि थोड़ा-बहुत तैर लेता हूं। चेतन शर्मा ने बताया कि सामान्य हूं, तैरना नहीं जानता। इसी प्रकार मोतीलाल शर्मा ने कहा कि मैं गोताखोर नहीं हूं।
एसडीओ के भेजे गोताखोर सूची में नहीं पुष्कर उपखंड अधिकारी देविका तोमर ने जिला प्रशासन को 17 लोगों की सूची भेजी थी। इनमें वर्षों से डूबते हुए लोगों को बचाने का कार्य करने वाले राहुल पाराशर, विनोद पाराशर, किशन गोपाल पाराशर, दीपक पाराशर, दामोदर सैन, व रमेश शर्मा सहित किसी को सूची में शामिल ही नहीं किया। प्रश्न यह उठता है कि जारी की गई सूची में दिए गए नामों की अभिशंसा किस स्तर पर हुई। इस बारे में पूछने पर एसडीओ देविका तोमर भी मौन हैं। इस बारे में कलक्टर विश्वमोहन शर्मा से फोन पर बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया।