अजमेर

होटल मानसिंह की रजिस्ट्री पर रोक लगाने की तैयारी

एडीए ने पंजीयन विभाग को लिखा पत्र
1997 से बकाया चल रही है लाखों रुपए की लीज राशि
एडीए होटल को करेगा नीलाम,सरकार को भेजा प्रस्ताव

अजमेरDec 31, 2020 / 08:53 pm

bhupendra singh

hotel

भूपेन्द्र सिंह
अजमेर.शहर के बीचोबीच अजमेर विकास प्राधिकरण adaभूमि पर बने हुए होटल मानसिंह Hotel Mansinghको प्राधिकरण नीलामी के जरिए बेचेगा। इसका प्रस्ताव प्राधिकरण ने राज्य सरकार को भेजा है। इसके साथ ही हाल ही होटल को किसी अन्य ग्रुप द्वारा खरीद जाने की जानकारी मिलने पर प्राधिकरण आयुक्त रेणु जयपाल ने पंजीयन विभाग के पत्र लिखकर होटल के खरीद बेचान के दस्तावेज पंजीकृत registry नहीं करने के निर्देश दिए है। होटल की लीज अवधि 1997 में समाप्त हो चुकी है। होटल अतिक्रमण की श्रेणी में है। लाखों रुपए लीज राशि का मामला निपटाए बिना ही अब होटल को किसी अन्य गु्रप द्वारा खरीदने तथा इसका नाम अब जेबी मानसिंह पैलेस किए जाने की जानकारी सामने आ रही है। होटल के बाहर इसका बोर्ड लगाया गया है।
भूमि के साथ ही भवन भी प्राधिकरण का

सरकार ने प्राधिकरण को मार्गदर्शन देते हुए यह भी स्पष्ट किया है कि 25 फरवरी 2012 को एम्पावर्ड कमेटी की बैठक एजेंडा के क्रम में प्रश्नगत भूमि की नीलामी की जाती है तो उस पर निर्मित भवन भी अजमेर विकास प्राधिकरण में ही निहित होगा। पृथक से निर्मित भवन के लिए उस कब्जेधारी को कोई राशि देय नहीं होने के लिए निर्देशित किया गया है।
बोर्ड बैठक में तय होगी लीज राशि वसूली

एम्पावर्ड कमेटी की 25 दिसम्बर 2012 को हुई बैठक के निर्णयानुसार होटल मानसिंह को आवंटित भूमि को नीलामी द्वारा बेचान की कार्यवाही की जानी है अथवा प्राधिकरण की 28 सितम्बर 2018 की बैठक में लिए गए निर्णय मासिक लीज राशि 50 हजार रुपए वसूल किए जाने के निर्णय को पुन: बोर्ड बैठक में रखा जाना है। बोर्ड बैठक 28 सितम्बर 2018 में लिए गए निर्णय अनुसार लीज डीड की अवधि वर्ष 2007 में समाप्त होने की दिनांक को निर्धारित सालाना किराया राशि तथा नगरीय भूमि कर की राशि को मासिक किए जाने की शर्त को संशोधित कर प्रति 5 वर्ष बाद नगरीय भूमि कर व लीज राशि किराया 25 प्रतिशत बढ़ाया जाने की शर्त अंकन करने के बाद यदि 2007 से पूर्व प्राधिकरण को लीज एवं कर के रूप में प्राप्त होने वाली वार्षिक राशि 50 हजार थी तो 2007 के बाद 50 हजार रूपए मासिक दिए जाने एवं हर 5 वर्ष बाद 25 प्रतिशत बढ़ाई जाएगी। यदि लीजधारक उपरोक्त संशोधन लीज राशि एवं कर राशि की सहमति प्रदान किए जाने पर अभिशंषा कर प्रकरण राज्य सरकार को भिजवाने का निर्णय लिया गया। इस पर होटल की ओर से सहमति नहीं आई।
यह है मामला

नगर सुधार न्यास (वर्तमान में एडीए) द्वारा होटल अजयमेरू प्राइवेट लिमिटेड को होटल निर्माण के लिए 26 अगस्त 1977 को 15 वर्षीय लीज अवधि पर नीलामी द्वारा 4111.10 वर्गगज भूमि विक्रय की गई। होटल अजयमेरू प्राइवेट लिमिटेड द्वार उक्त भूमि पर निर्माण के लिए राजस्थान वित्त नगम से ऋण लिया गया। ऋण अदायगी मे विफल रहने पर राजस्थान वित्त निगम द्वारा उक्त भूमि का विक्रय होटल मानसिंह को किया गया। होटल मानसिंह द्वारा उक्त भूमि दस्तावेज 13 अक्टूबर 1997 को पंजीबद्ध कराया गया। 15 वर्षीय लीज अवधि वर्ष 1992 में समाप्त हो गई। लीज अवधि समाप्त होने पर आवंटित भूमि की लीज अवधि बढ़ाने के लिए प्रस्ताव न्यास की बैठक में रखते हुए 5 वर्ष लीज अवधि वृद्धि कर वर्ष 1997 तक अवधि तक बढ़ाई गई। इसके बाद लीज अवधि में बढोतरी नहीं हुई।
इनका कहना है

लीज राशि वसूल का मामला पुन: बोर्ड बैठक के जरिए निस्तारित किया जाएगा। होटल के दस्तावेज पंजीकरण नहीं किए जाने के लिए उप पंजीयक को पत्र लिखा गया है।रेणु जयपाल,आयुक्त अजमेर विकास प्राधिकरण
(इस मामले में होटल के जीएम अभय सिंह मसूदा से उनका कहना था कि गजियाबाद हेडक्वार्टर से ही इसकी जानकारी मिल सकती है।)

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