अजमेर.अजमेर विद्युत वितरण निगम ajmer discom की ओर से विभिन्न जिलों में लगाए गए 22 हजार 185 प्री-पेड मीटर Prepaid Meter निगम व उपभोक्ता consumersदोनो के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं। जहां निगम को पूरा राजस्व नहीं मिल रहा है वहीं उपभोक्ता का सम्पूर्ण डाटा भी रखना मुश्किल है। उपभोक्ता को भी पुराना बकाया राशि एकमुश्त चुकाने का डर सता रहा है। शिकायतें व खामिंया सामाने पर इस मामले को लेकर निगम अधिकारियों व प्री-पेड मीटर निर्माता कम्पनी के बीच बैठक तो हुई लेकिन स्थाई सममाधान नहीं निकला। इस दौरान टेरिफ आदेश-2019 के लागू होन से विलम्ब से सम्बन्धित वसूली। फ्यूल सरचार्ज की वसूली, स्थाई शुल्क में परिवर्तन। प्री-पेड मीटर सम्बन्धी रिबेट। एचसीएल बिलिंग के अनुसार शेष राशि एंव प्री-पेड मीटर में शेष राशि का मिलान पर चर्चा की गई।
वसूल नहीं हो रही फ्यूल सरचार्ज की राशि प्री-पेड मीटर द्वारा 1 फरवरी 2020 से जीरो वेंडिग कोड फीड हो गया है। 22 मई 2020 के बाद कराए गए प्रथम रिचार्ज तक प्री-पेड मीटर के उपभोक्ता द्वारा उपभोग की गई विद्युत यूनिटों पर टेरिफ पुरानी दर से चार्ज की गई है। इस उपभोग पर नई टेरिफ 2019 के अनुसार नई दरों से टैरिफ लगाई जानी है तथा अंतर की राशि प्री-पेड उपभोक्ता से वसूली जानी है। प्री-पेड मीटर के द्वारा कभी भी फ्यूल सरचार्ज की राशि प्री-पेड मीटर उपभोक्ताओं से गणना करके वसूल नहीं कई है। यह राशि वसूली योग्य है।
राशि की गणना में मुश्किल यदि उपखंड स्तर से स्थाई शुल्क में कमी या वृद्धि का आदेश जारी कर प्री-पेड मीटर में परिवर्तन नहीं कराया गया है। प्री-पेड मीटर में परिवर्तन नहीं कराया गया है, लगाए गए प्री-पेड मीटर्स में प्रारंभ से अब तक समान दर से स्थाई शुल्क लिया जा रहा है। स्थाई शुल्क में वार्षिक उपभोग के आधार पर कमी व वृद्धी के कारण उपभोक्ता को देय या वसूली योग्य राशि की गणना एवं वसूली प्री-पेड मीटर के सिस्टम से संभव नहीं है।
रिबेट भी नहीं मिल रही एचसीएल सिस्टम द्वारा प्री-पेड उपभोक्ताओं को टैरिफ आदेश के अनुसार दी जाने वाली प्रति यूनिट रिबेट नहीं दी जा रही है। एचसीएल के बिलिंग सिस्टम में इस रिबेट के लिए वर्ष 2018 में अलग टैरिफ कोड जारी किया कर दिया गया है। लेकिन उपभोक्ता को रिबेट नहीं मिल रही है।
डाटा का मिलान नहीं एचसीएल बिलिंग सिस्टम द्वारा बताई जाने वाली शेष राशि में एवं प्री-पेड मीटर द्वारा बताई जाने वाली शेष राशि में मिलान करने पर पर भारी अंतर आता है। राजस्व की हानि पूर्ति के लिए इसका मिलान किया जाना आवश्यक है। यदि उपखंड स्तर पर इन प्री-पेड मीटरों की एमआरआई करके डाटा प्राप्त किया जाता है तो भी 12 महीनों की बिलिंग का मिलान संभव नहीं है। 12 महीनों से पूर्व की अवधि की बिलिग का मिलान प्री-पेड मीटर सिस्टम से संभव नहीं है।
11 जिलों में लगे 22 हजार प्रीपेड मीटर अजमेर विद्युत वितरण निगम के तहत आने वाले 11 जिलों में अब तक 22 हजार 185 प्रीपेड मीटर लगाए गए हैं। इनमें भी 898 प्रीपेड मीटर निगम के कार्यालयों में,6209 मीटर सरकारी कार्यालयों में,जबकि गैर सरकारी कार्यालयों में 15 हजार 77 मीटर स्थापित किए गए। अजमेर सिटी व ग्रामीण, नागौर व भीलवाड़ा में 7 हजार 250,चित्तौडगढ़़, डूंगरपुर, उदयपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, राजसमन्द जिलों में 8 हजार 737, सीकर व झुंझुनू जिले में 6 हजार 198 प्री पेड मीटर लगाए गए है।
उपभोक्ताओं से होगी वसूली प्रीपेड मीटर निर्माता सिक्योर कम्पनी का कहना है कि प्री पेड मीटर उपभोक्ताओं से वसूली योग्य राशि की गणना निगम को अपने स्तर पर ही करनी होगी। यद्यपि इस प्रकार गणना की गई राशि वेङ्क्षडग स्टेशन पर दर्ज करा कर उपभोक्ताओं से वसूली जा सकती है अंतर की राशि वेंडिग स्टेशन पर दर्ज कराने के उपरात प्री-पेड उपभोक्ता द्वारा अगला री-चार्ज कराने पर स्वत: ही यह राशि री-चार्ज राशि में से वसूल हो जाएगी। इस मामले में निगम के निदेशक (वित्त) एम.के.गोयल का कहना है कि इस तरह का इश्यू सामने नहीं आया है। कल इस मामले के दिखाया जाएगा।