अजमेर

‘पुलिसजी, आप हैलमेट पहनना शुरू कर देंगे तो नियमों की पालना स्वत: हो जाएगी’

पुलिस खुद भी हेलमेट पहन करे आमजन के लिए मिसाल पेश, यातायात नियमों की पालना में हैलमेट का महत्व सबसे ज्यादा

अजमेरSep 11, 2019 / 01:51 am

manish Singh

‘पुलिसजी, आप हैलमेट पहनना शुरू कर देंगे तो नियमों की पालना स्वत: हो जाएगी’

मनीष कुमार सिंह
अजमेर. जिले में हर साल करीब 600 लोग सड़क हादसों में मौत का शिकार होते है। इसमें भी सर्वाधिक की मौत का कारण दुर्घटना में सिर में लगी चोट होती है लेकिन आमजन को नसीहत देने वाली पुलिस के जवान ही यातायात नियमों की अनदेखी कर हेलमेट से किनारा किए हुए हैं। यातायात पुलिसकर्मियों को छोड़कर यदाकदा पुलिस अधिकारी, जवान हेलमेट का इस्तेमाल करते हैं। शेष अपनी वर्दी के रोब दिखाकर चालान से बच निकलते हैं।
दिखाई थी सख्ती
तात्कालीन एसपी राजेन्द्र चौधरी ने पुलिस कर्मियों के लिए हेलमेट की शतप्रतिशत अनिवार्यता के आदेश दिए थे। एसपी के आदेश पर यातायात पुलिस ने पुलिस लाइन मुख्यद्वार पर सैकड़ों पुलिसकर्मियों के चालान बनाए थे। पुलिस लाइन में बिना हेलमेट प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई थी लेकिन अधिकारी बदलते ही व्यवस्था फिर पुराने ढर्रे पर लौट आई।
ये चार पी बचते हैं हैलमेट से
-पॉलीटिशियन(राजनेता)

-पब्लिक प्रॉसिक्यूटर (वकील)

-पत्रकार
-पुलिस

एक्सपर्ट व्यू-‘दुर्घटनाएं आम या खास नहीं देखतीÓ

लम्बे समय तक शहर की यातायात व्यवस्था का जिम्मेदारी निभाने वाले सेवानिवृत्त पुलिस उप अधीक्षक जयसिंह राठौड़ के अनुसार दुपहिया वाहन चालक को हेलमेट लगाना अनिवार्य है। पुलिस की ओर से हमेशा समझाइश का प्रयास किया जाता रहा है। यह बात सही है कि भय के बिना नियम की पालना नहीं करवाई जा सकती है। यातायात पुलिस समझाइश के साथ सख्ती से कार्रवाई भी की जानी चाहिए। आमजन को हेलमेट के प्रति जागरूक करने के लिए पुलिस के जवान और पुलिस से जुड़े संगठन यातायात नियमों की पालना मिसाल पेश कर सकते हैं। सड़क दुर्घटनाएं आम या खास नहीं देखती। अपने व अपनों की सुरक्षा के लिए हेलमेट लगाना चाहिए। दुर्घटना में मरने वाले व्यक्ति को इसका एहसास नहीं होता कि उसके पीछे परिवार को कितना कष्ट और क्षति उठानी पड़ती है।

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