साइबर थाना पुलिस की गिरफ्तमें आए नसीराबाद पलसानिया रोड हाल दिलवाड़ा चौराहा निवासी कासिफ मिर्जा(19) ने रिमांड के दौरान उप निरीक्षक मनीष चारण के समक्ष कई चौंकाने वाले खुलासे किए। पुलिस पड़ताल में कासिफ ने बताया कि एक साल पहले सोशल मीडिया पर वह रील बनाकर डालता था लेकिन नवंबर-दिसंबर 2023 में उसने एक फेक स्कीम सोशल मीडिया पर डाली। स्कीम में निवेश करके रकम को एक-दो और चार सप्ताह में लगभग दोगुना तक कमाने का झांसा दिया। उसकी फेक स्कीम पर कॉल आने लगे। शुरूआत में छोटी रकम को लौटने पर लोग बड़ी रकम निवेश कर ज्यादा कमाने के चक्कर में आ गए। फिर इतना निवेश हो गया कि वह रकम को दोगुना या बताई गई स्कीम से लौटा नहीं पाया लेकिन निवेशकों के लगातार कॉल आते रहे और वह उनको 4 हजार से 10 हजार तक का निवेश करने का झांसा देकर चपत लगाता रहा। निवेश बढ़कर लाखों तक पहुंच गया।
लेपटॉप और कीमती मोबाइल फोन बरामद
एसआई मनीष चारण ने बताया कि कासिफ के 5 बैंक खाते सामने आए हैं। खातों में हए लेनदेन की प्रारंभिक पड़ताल में करीब 80 लाख का खुलासा हुआ है। इसमें एक बैंक खाते में 42 लाख रुपए का लेनदेन है। लेनदेन की रकम में से कासिफ ने 20 लाख रुपए लग्जरी कार, कीमती मोबाइल फोन व घूमने-फिरने पर खर्च कर दी। पुलिस ने उससे कार, लेपटॉप, कीमती मोबाइल फोन व एक नोट गिनने की मशीन बरामद की है। यह भी पढ़ें
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जीने लगा लग्जरी लाइफ
कासिफ ने बताया कि पैसा आया तो उसने लग्जरी लाइफ जीना शुरू कर दिया। वह अजमेर और पुष्कर के बड़े होटल में ठहरने लगा। यहां आसपास वह अपनी स्कीम को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाता था। ताकि निवेशकों की संख्या बढ़ती जाए। उसने साढ़े 9 लाख कीमत की पुरानी लग्जरी कार खरीद ली। उसने करीब 20 लाख रुपए अपने ऐशो आराम पर खर्च किए।पिता ट्रक बॉडी बनाने वाले
पुलिस पड़ताल में सामने आया कि कासिफ मिर्जा के पिता परवेज मिर्जा ट्रक की बॉडी बनाने का काम करते है। बेटे कासिफ के पास पैसा देखकर उन्होंने कई मर्तबा पूछा लेकिन उन्हें सोशल मीडिया से कमाई बता दी। वह भी बेटे के पैसा कमाने से खुश थे लेकिन उन्हें जालसाजी का अंदाजा भी नहीं था। परवेज मिर्जा ने उसके बेटे के साथ में अन्य की लिप्तता की बात कही है।फिर पैसा लौटाना किया बंद
कासिफ ने पूछताछ मे बताया अक्टूबर 2023 में दो दोस्तों के साथ मिलकर लक्ष्मी इन्वेस्टमेंट नाम से फर्जी कंपनी की रील बनाई। जिसमें 4 हजार का निवेश करने पर 24 से 28 दिन में 6100 रुपए तक लौटने का झांसा दिया। शुरूआत में उन्होंने लोगों को पैसा भी दिया। इससे लोग झांसे में आ गए। इसमें रिश्तेदारों ने भी निवेश कर दिया। इसके अलावा अधिकांश नसीराबाद और आसपास के लोग शिकार बने। निवेशक जुड़ते ही चले गए। अभी एक लाख रुपए तक का निवेश किया जा रहा था। पैसा खाते में ज्यादा आया तो उन्होंने रकम लौटाना बंद कर दिया। पड़ताल में करीब 150 से 200 निवेशक सामने आए है। जिन्होंने टुकडे- टुकड़े में निवेश किया।
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