अजमेर. ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह (ajmer dargah) में बुधवार शाम रोशनी की दुआ के वक्त बड़ा हादसा होते होते टल गया। यहां हमीदशाह के दालान में अचानक छत का प्लास्टर गिर गया। इससे अफरातफरी मच गई। इस दौरान दो महिला जायरीन जख्मी हुई। सूचना मिलने पर दरगाह थाना अधिकारी हेमराज भी मौके पर पहुंचे और जानकारी ली।
दरगाह (ajmer dargah) में आस्ताना के ठीक सामने हमीदशाह का दालान बना हुआ है। यहां खादिम और जायरीन बैठते हैं। खादिम यामीन हासमी की गद्दी के पास बुधवार शाम करीब 7 बजे अचानक प्लास्टर टूट कर गिर पड़ा। दरगाह में उस वक्त रोशनी की दुआ हो रही थी। इस दुआ में हजारों जायरीन शिरकत करते हैं। इस कारण जैसे ही प्लास्टर गिरा, दालान में अफरा तफरी मच गई, लोग जल्दी से दालान से बाहर आ गए। इससे बड़ा हादसा होने से टल गया। बताया जा रहा है कि बाद में दरगाह नाजिम (dargah nazim) शकील अहमद भी मौके पर पहुंच गए। दरगाह कमेटी (dargah committee) सदर अमीन पठान को भी मामले की जानकारी दी गई। उनके निर्देश पर रात को ही दरगाह में मरम्मत का कार्य शुरू करवा दिया गया। पठान ने कहा है कि वे दरगाह में जहां जहां जरूरत है, वहां मरम्मत करवाएंगे।
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दरगाह कमेटी नहीं करवा रही मरम्मत खादिमों का आरोप है कि हमीदशाह के दालान छत काफी समय से जर्जर है। इसकी दरगाह नाजिम को शिकायत भी की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सैयद मेहराज चिश्ती ने कहा कि दालान की छत, छज्जा व दीवार खस्ताहाल है। दरगाह नाजिम को बता भी दिया गया लेकिन न तो खुद मरम्मत करवा रहे और न खादिमों को मरम्मत कराने दे रहे। सैयद अब्दुल हक चिश्ती ने कहा कि दरगाह कमेटी में कोई सुनवाई नहीं कर रहे। ऐसे में कभी भी कोई हादसा हो सकता है। खादिम सैयद कुतुबुद्दीन सखी ने कहा कि खादिम अपने स्तर पर मरम्मत कराने की मंजूरी लेने जाते हैं लेकिन दरगाह कमेअी स्टाफ ही इसमें अड़चन पैदा करते हैं और इजाजत नहीं मिलती।
दरगाह कमेटी नहीं करवा रही मरम्मत खादिमों का आरोप है कि हमीदशाह के दालान छत काफी समय से जर्जर है। इसकी दरगाह नाजिम को शिकायत भी की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सैयद मेहराज चिश्ती ने कहा कि दालान की छत, छज्जा व दीवार खस्ताहाल है। दरगाह नाजिम को बता भी दिया गया लेकिन न तो खुद मरम्मत करवा रहे और न खादिमों को मरम्मत कराने दे रहे। सैयद अब्दुल हक चिश्ती ने कहा कि दरगाह कमेटी में कोई सुनवाई नहीं कर रहे। ऐसे में कभी भी कोई हादसा हो सकता है। खादिम सैयद कुतुबुद्दीन सखी ने कहा कि खादिम अपने स्तर पर मरम्मत कराने की मंजूरी लेने जाते हैं लेकिन दरगाह कमेअी स्टाफ ही इसमें अड़चन पैदा करते हैं और इजाजत नहीं मिलती।