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थानाप्रभारी करणसिंह खंगारोत ने बताया कि 6 जुलाई को वैशालीनगर एलआईसी कॉलोनी निवासी परिवादी 13 वर्षीय भान्जे के साथ आए। उन्होंने बताया कि भान्जा दोपहर 3 बजे ट्यूशन के लिए घर से निकला था। कुछ देर बाद भागता हुआ घर आया और बताया कि गली में एक वैन खड़ी थी। उसमें एक व्यक्ति ने मुंह पर काले रंग का स्कार्फ बांध रखा था। वह उसके पास आया और कंधे पर हाथ रखकर बोला कि तुझे तेरी मम्मी के पास छोड़कर आ जाता हूं। वह उसे टॉफी देने लगा तो वह बचकर घर आ गया। आरोपित उसका स्कूल बैग सड़क पर फेंक गए। किसी राहगीर ने बैग पर लिखे मोबाइल नम्बर पर कॉलकर उन्हें सूचना दी, जिस पर वह बैग लेकर आया। खंगारोत ने बताया कि आस-पास के मकानों के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज व आस-पास के लोगों से पड़ताल की। सभी ने किसी भी घटना से इनकार कर दिया। सीसीटीवी फुटेज में घटना नजर नहीं आई।
पुलिस ने पकड़ी चुनौती तो हारा
खंगारोत ने बताया कि परिजन के सामने किशोर से पूछताछ की तो सामने आया कि किसी ने अपहरण की कोशिश नहीं की। वह और उसका दोस्त स्कूल में एक ऑनलाइन गेम खेल रहे थे। गेम के दौरान मिली चुनौती उसने स्वीकार कर ली। इसके लिए उसने अपहरण की झूठी कहानी मामा को सुना दी। उसकी चुनौती को पुलिस ने पकड लिया। अब वह इस गेम को हार गया।
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लेनी होती है चुनौती
किशोर ने बताया कि गेम में हर खिलाडी को चुनौती पूरी करनी होगी। गेम में जहां खिलाड़ी को एक टास्क लेने पर सच बोलना होता है, वहीं दूसरे पर कोई भी हिम्मत का काम करना होता है।
अभिभावक-शिक्षक रखें नजर
खंगारोत ने बताया कि अभिभावक अपने बच्चों को ऑनलाइन गेम या चुनौतीपूर्ण गेम से दूर रहने के लिए समझाइश करें। वहीं संस्था प्रधान व शिक्षक भी बच्चों द्वारा खेले जाने वाले गेम व प्रचलन पर नजर रखें। प्रार्थना सभा में बच्चों को गेम के बारे में जानकारी देकर गेम से दूर रहने के लिए प्रेरित करें।