अजमेर

आनासागर को प्रदूषण मुक्त करना आसान नहीं, 17 नालों से जा रहा गंदा पानी

– विशेष टीम ने किया निरीक्षण– एक दर्जन स्थानों से उठाए मिट्टी के सेंपल अजमेर.आनासागर झील के संरक्षण के लिए अब निगम प्रशासन ने गंभीर कदम भले ही उठाने शुरू कर दिए हों लेकिन झील में अभी भी 17 नालों का पानी पहुंच रहा है। राष्ट्रीय पर्यावरण अनुसंधान संस्थान (नीरी) की टीम के शुक्रवार को दूसरे […]

अजमेरNov 22, 2024 / 11:41 pm

Dilip

niri team

– विशेष टीम ने किया निरीक्षण– एक दर्जन स्थानों से उठाए मिट्टी के सेंपल
अजमेर.आनासागर झील के संरक्षण के लिए अब निगम प्रशासन ने गंभीर कदम भले ही उठाने शुरू कर दिए हों लेकिन झील में अभी भी 17 नालों का पानी पहुंच रहा है। राष्ट्रीय पर्यावरण अनुसंधान संस्थान (नीरी) की टीम के शुक्रवार को दूसरे दिन झील के सर्वेक्षण में यह बात सामने आई। झील में करीब 13 प्वाइंट बना कर वहां से जल व झील के तल में मिट्टी के नमूने एकत्र किए। नागपुर से यहां पहुंची नीरी की टीम का नेतृत्व डॉ अमित बंशीवाल कर रहे हैं। उनके साथ चार सदस्यों वाली वैज्ञानिकों की टीम सहयोग में है।निगम के अधीक्षण अभियंता मनोहर सोनगरा ने बताया कि टीम ने झील में 500 गुना 500 के 13 स्थान चिन्हित किए। इन स्थानों से मिट्टी व पानी के गहराई से स्लेज के नमूने लेकर उन्हें सील बंद किया गया। जिनकी लैब में जांच की जाएगी।
गंदे नालों का पानी गिरना पायानीरी की टीम ने सर्वे में पाया कि झील में अब भी 17 नालों का पानी गिर रहा है। इसमें मित्तल हॉस्पिटल, रीजनल कॉलेज चौपाटी, बर्ड पार्क, गुलमोहर पार्क, बांडी नदी, रेस्टोरेंट, काजी का नाला, ईंट का भट्टा, आंतेड़ आदि क्षेत्रों के नालों से गिर रहे गंदे पानी के नमूने भी लिए।
गैस के अनुपात का अध्ययन करेंगे

टीम के सदस्यों ने बताया कि पानी में बॉयलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड, ऑक्सीजन, नाईट्रोजन व फास्फोरस की मात्रा का अध्ययन किया जाएगा।

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