हजारों विद्यार्थी प्रतिवर्ष कॉलेज-यूनिवर्सिटी के यूजी-पीजी कोर्स में दाखिला लेते हैं तो कई प्राइवेट भी पढ़ते हैं। करीब डेढ़ दशक पहले तक युवा सिर्फ पढ़ाई और भर्ती परीक्षाओं की तैयारी करते थे। अब युवा पढ़ाई के साथ पार्ट टाइम जॉब्स भी कर रहे हैं।
कई देशों में है चलन : एशिया, यूरोप, अमरीका, ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप से जुड़े कई देशों में पढ़ाई के साथ युवा पढ़ाई के साथ ही जॉब भी करते हैं। यह ट्रेंड भारत में भी 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ चुका है। युवा पारिवारिक जरूरत, आर्थिक स्वावलबन के लिए यही रास्ता अपना रहे हैं।
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इन क्षेत्रों में कर रहे जॉब
- बीपीओ सेंटर और निजी कप्यूटर वर्क: 20%
- बड़े-छोटे डिपार्टमेंटल स्टोर: 15%
- ग्रॉसरी अथवा क्लॉथ शॉप: 10%
- होटल-रेस्टोरेंट: 10 से 12%
- बैक ऑफिस जॉब: 10 से 15%
- नाइट शिट सिक्योरिटी जॉब: 10 %
- गिग वर्कर्स: 8 से 10%
इनका कहना है….
पढ़ाई के साथ नौकरी का ट्रेंड बढ़ गया है। अब पढ़ाई पूरी करने के बाद कॅरिअर की योजना बनाने में जुटना जोखिम उठाने जैसा है। पार्ट टाइम जॉब्स से पॉकेट मनी के साथ फीस की व्यवस्था होती है। जॉब करने से अनुभव भी मिलता है। भगवानसिंह चौहान, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कई देशों में युवा डिपार्टमेंटल स्टोर, टूरिज्म, बीपीओ सहित अन्य क्षेत्रों में पार्ट टाइम जॉब्स करते हैं। भारत में भी युवाओं का नजरिया बदला है। नई शिक्षा नीति में भी पढ़ाई के साथ छह माह की इंटर्नशिप का प्रावधान है। यह युवाओं के लिए काफी फायदेमंद है।
प्रो.शिवप्रसाद, मैनेजमेंट-कॉमर्स विभागाध्यक्ष मदस विवि