देश में स्किल इंडिया का दौर चल रहा है। कौशल और उद्यमिता से जुड़े पाठ्यक्रमों पर राज्य और केंद्र सरकार का विशेष जोर है। फिर भी राजस्थान के पॉलीटेक्निक कॉलेज में अन्य प्रदेशों के मुकाबले नए पाठ्यक्रमों की कमी है। यहां समय और औद्योगिक मांग के अनुरूप पाठ्यक्रम नहीं खुल रहे हैं। जबकि अन्य प्रदेशों के पॉलीटेक्निक कॉलेज में कई नए कोर्स संचालित हैं। इससे विद्यार्थियों को फायदा भी मिल रहा है।
राज्य में सरकारी और निजी पॉलेटेक्निक कॉलेज में डिप्लोमा इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम की करीब 50 हजार सीट हैं। इनमें सरकारी कॉलेज में 4 हजार 566 और निजी कॉलेज में 46 हजार 355 सीट हैं। विभिन्न कॉलेज के पाठ्यक्रमों में विद्यार्थी प्रवेश लेते हैं। इनमें प्राविधिक शिक्षा मंडल जोधपुर के जरिए प्रवेश दिए जाते हैं। राजस्थान के पॉलीटेक्निक कॉलेज कई कोर्सेज के मामले में महाराष्ट्र, गुजरात, पंबाज, केरल, तमिलनाडु, सीमांध्र,कर्नाटक सहित अन्य प्रदेशों के पॉलीटेक्निक कॉलेज से पीछे हैं।
इन प्रदेशों में कई डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स ऐसे हैं, जो विद्यार्थियों के लिए फायदेमंद साबित हुए हैं। उन्हें सरकारी और नौकरी और खुद का उद्यम स्थापित करने में मदद मिल रही है। राजस्थान के कई डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स भी रोजगारोन्मुखी हैं, पर यहां का तकनीकी शिक्षा विभाग मांग के अनुरूप नए कोर्स-ब्रांच नहीं खोल रहा है।
इन प्रदेशों में कई डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स ऐसे हैं, जो विद्यार्थियों के लिए फायदेमंद साबित हुए हैं। उन्हें सरकारी और नौकरी और खुद का उद्यम स्थापित करने में मदद मिल रही है। राजस्थान के कई डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स भी रोजगारोन्मुखी हैं, पर यहां का तकनीकी शिक्षा विभाग मांग के अनुरूप नए कोर्स-ब्रांच नहीं खोल रहा है।
अन्य प्रांतों में यह कोर्स संचालित कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी, मेटेलर्जिकल इंजीनियरिंग, सैंडविच मेकेनिक्स, नेनो टेक्नोलॉजी, पॉलीमर टेक्नोलॉजी, ग्रीन केमिस्ट्री एन्ड इंजीनियरिंग, कॉमर्शियल प्रेक्टिस, कम्प्यूटर एप्लीकेशन एन्ड बिजनेस मैनेजमेंट, इंस्ट्रूमेंट टेक्नोलॉजी, एप्लाइड इलेक्ट्रानिक्स, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी, कम्प्यूटर इंजीनियरिंग टूल एन्ड डाई, फिशरीज टेक्नोलॉजी, प्रोस्थेटिक्स एन्ड ऑर्थेटिक्स, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग और अन्य
राजस्थान में संचालित कोर्स
सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंस्ट्रूमेंटेशन, प्रिंट टेक्नोलॉजी, कम्प्यूटर, फैशन डिजाइनिंग, कॉस्मेटिक्स एन्ड ब्यूटी और अन्य। नई ब्रांच और कोर्स खोलने में रुचि कम प्रदेश के तकनीकी शिक्षा विभाग की पॉलीटेक्निक कॉलेज में नई ब्रांच और कोर्स खोलने में रुचि कम है। हालांकि यहां बीते 15-20 वर्षों में कई सरकारी और निजी पॉलीटेक्निक कॉलेज खुले हैं। मांग के अनुरूप नई ब्रांच और कोर्स और भी शुरू हुए हैं, फिर भी देश के अन्य राज्यों की तुलना में यह संख्या सीमित है। विद्यार्थियों को पास चिरपरिचित ब्रांच और कोर्स में ही दाखिलों का विकल्प मिलता है। यहां अजमेर के बॉयज एवं वुमेन्स, जयपुर, जोधपुर सहित कई जिलों में अच्छे सरकारी और निजी कॉलेज हैं। इनमें संसाधन, शिक्षकों की संख्या भी ठीक है।
सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंस्ट्रूमेंटेशन, प्रिंट टेक्नोलॉजी, कम्प्यूटर, फैशन डिजाइनिंग, कॉस्मेटिक्स एन्ड ब्यूटी और अन्य। नई ब्रांच और कोर्स खोलने में रुचि कम प्रदेश के तकनीकी शिक्षा विभाग की पॉलीटेक्निक कॉलेज में नई ब्रांच और कोर्स खोलने में रुचि कम है। हालांकि यहां बीते 15-20 वर्षों में कई सरकारी और निजी पॉलीटेक्निक कॉलेज खुले हैं। मांग के अनुरूप नई ब्रांच और कोर्स और भी शुरू हुए हैं, फिर भी देश के अन्य राज्यों की तुलना में यह संख्या सीमित है। विद्यार्थियों को पास चिरपरिचित ब्रांच और कोर्स में ही दाखिलों का विकल्प मिलता है। यहां अजमेर के बॉयज एवं वुमेन्स, जयपुर, जोधपुर सहित कई जिलों में अच्छे सरकारी और निजी कॉलेज हैं। इनमें संसाधन, शिक्षकों की संख्या भी ठीक है।