यूजीसी ने अप्रेंटिसशिप एबेडेड डिग्री कोर्स (प्रोग्राम) को मंजूरी दी गई है। इसका मकसद विद्यार्थियों को यूजी की पढ़ाई के दौरान ही रोजगार के लिए तैयार करना है। यह सामान्य पाठ्यक्रमों की तरह नहीं होगा। इसमें सेमेस्टर ट्रेनिंग को जरूरी किया गया है।
विद्यार्थियों को मिलेगा स्टाइपेंड
नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क में टॉप 200 रैंकिंग यूनिवर्सिटी कोर्स शुरू कर सकेंगी। डायरेक्ट पार्टनरशिप में कोर्स शुरू करने की स्थिति में युवाओं को औद्योगिक इकाइयां स्टाइपेंड देगी। नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम पोर्टल से रजिस्ट्रेशन कराने पर सरकार स्टाइपेंड मिलेगा। जो यूनिवर्सिटी नैक से ग्रेड अथवा 3.01 अंक हासिल करेगी वे भी कोर्स शुरू कर सकेंगी। यह भी पढ़ें
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स्किल ट्रेनिंग पर जोर
यह कोर्स क्लासरूम टीचिंग का नहीं होगा। इसका बड़ा हिस्सा स्किल ट्रेनिंग का होगा। अप्रेंटिसशिप के दौरान विद्यार्थियों को औद्योगिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें मार्केटिंग, बिजनेस हाउस में कामकाज, बाजार में कारोबार, कम्यूनिकेशन और कम्प्यूटर स्किल का प्रशिक्षण होगा। विद्यार्थियों को क्लासरूम टीचिंग के साथ ही व्यावहारिक ज्ञान मिलेगा। इसके साथ ही करियर के लिए जरूरी यूनिवर्सिटी डिग्री भी मिलेगी।स्पेशल कोर्स में यह खास
पहले दिन से ही सेमेस्टर ट्रेनिंग।तीन साल का कोर्स होने पर एक अथवा अधिकतम तीन सेमेस्टर के लिए प्रशिक्षण।
चार साल का कोर्स होने पर 2 सेमेस्टर और अधिकतम 4 सेमेस्टर का प्रशिक्षण।
कोर्स में होगा यूनिवर्सिटी-इंडस्ट्री और विद्यर्थियों का एग्रीमेंट।
विद्यार्थियों को ट्रेनिंग में हिस्सा लेना जरूरी।