देश के प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अम्बानी ( Mukesh Ambani ), क्रिकेटर सचिन तेन्दुलकर ( Sachin Tendulkar ) समेत कई नामी लोग इसके दीवाने हैं। जी हां इसका स्वाद ही ऐसा है कि हर कोई एक बार चख लें तो वह स्वाद कभी नहीं भूलेगा। यही वजह है कि Kadhi Kachori का स्वाद देश-दुनिया तक पहुंच रहा है। हर माह अजमेरराट्स kadi kachori कचोरी व समोसे के साथ करीब एक लाख लीटर कढ़ी गटक जाते हैं। जोधपुर, कोटा, ब्यावर सहित अन्य शहरों की तरह अजमेर के लोग भी स्वादों (Food Of Rajasthan )का चटकारा लेने में कहीं पीछे नहीं है।
यूं तो ऐतिहासिक नगरी अजमेर दुनिया में धार्मिक नगरी के नाम से विख्यात है, लेकिन अब यहां की Food of Ajmer कढ़ी-कचौरी ने भी देश-दुनिया में अपनी महक फैलाई है। दुनिया के किसी भी कोने से कोई पर्यटक यहां आए और कढ़ी के साथ कचौरी-समोसा का जायका नहीं लिया, तो यात्रा अधूरी सी लगती है। ठीक वैसे ही अजमेर वाले भी घर आए मेहमान की खातिरदारी में कढ़ी-कचौड़ी का तड़का जरूर लगाते हैं। तभी तो प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी भी अपनी बेटी की शादी में यहां की कढ़ी-कचौरी की स्टॉल लगवाकर मेहमाननवाजी को यादगार बनाना नहीं भूल पाए। इस शादी में अंबानी के साथ क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर सहित देश की कई हस्तियों ने अजमेर की कढ़ी-कचौरी का स्वाद चखा। इतना ही नहीं देश के कई शहरों में ‘अजमेर की प्रसिद्ध कढ़ी-कचौरी’ के नाम से कई दुकानें भी संचालित हो रही हैं।
READ MORE : देश-दुनिया तक पहुंच रहा अजमेर की कढ़ी-कचौरी का स्वाद अमरीका-बैंकाक तक पहुंच-
कढ़ी-कचौरी के व्यापारियों के अनुसार उनके यहां से अपने देश के अलावा अमरीका, बैंकाक, दुबई, लंदन, सिंगापुर, मलेशिया तक कढ़ी-कचौरी पैक होकर जाती हैं।
कढ़ी-कचौरी के व्यापारियों के अनुसार उनके यहां से अपने देश के अलावा अमरीका, बैंकाक, दुबई, लंदन, सिंगापुर, मलेशिया तक कढ़ी-कचौरी पैक होकर जाती हैं।
अजमेराइट्स गटक जाते हैं महीने में एक लाख लीटर कढ़ी
अजमेर में सुबह के नाश्ते की शुरुआत कढ़ी-कचौरी, कढ़ी-समोसा या कढ़ी-पकोड़ी ( Ajmer’s Food ) से ही होती है। शहर में करीब 70 साल पहले शुरू हुआ कढ़ी-कचौरी का चलन आज इतना फल फूल गया कि शहर में करीब 800 से 1000 छोटी-बड़ी दुकानें हैं। शहर का कोई कोना ऐसा नहीं है, जहां कढ़ी के साथ कचौरी या अन्य चाट नहीं मिलती हो। एक अनुमान के अनुसार शहर में रोजाना ढाई हजार लीटर कढ़ी की खपत है। ख्वाजा साहब का उर्स या अन्य विशेष मौकों पर यहां पर्यटकों की आवक बढ़ जाती है। ऐसे में महीने में करीब 1 लाख लीटर कढ़ी की बिक्री का अनुमान है।
READ MORE : अजमेराइट्स गटक जाते हैं महीने में एक लाख लीटर कढ़ी चटकारे लेकर खाते हैं पर्यटक- नया बाजार की सबसे पुरानी दुकान शंकर चाट भंडार के आशुतोष शर्मा ने बताया कि पर्यटकों को कढ़ी-कचौरी चटनी के साथ बेहद पसंद आती है और वे चटकारे लेकर इसका स्वाद चखते हैं। उन्हें जब लौटता होता है तो कढ़ी-कचौरी पैक कराकर लेकर जाते हैं। इसी तरह अंबानी की बेटी की शादी में स्टॉल लगाने वाले मानजी हलवाई के पिंटू ने बताया कि अजमेर ( Ajmer ) के कुछ लोग ऐसे हैं जो कढ़ी-कचौरी पैक कराकर अमरीका लेकर जाते हैं।
नया बाजार गढ़ है कढ़ी-कचौरी का अजमेर शहर में नया बाजार कढ़ी-कचौरी का गढ़ माना जाता है। यहां से कढ़ी-कचौरी का चलन शुरू हुआ। इसके अलावा केसरगंज गोल चक्कर, वैशाली नगर, शास्त्री नगर, चौरसियावास रोड, पुलिस लाइन, जिला एवं सत्र न्यायालय, कचहरी रोड, मृदंग सिनेमा, नसीराबाद रोड, आदर्श नगर, बिहारीगंज, रामगंज में ऐसी कई दुकानें हैं, जहां कढ़ी-कचौरी के शौकीनों की भीड़ जुटती है।
अजमेर की प्रसिद्ध मिठाई व नमकीन- दरगाह बाजार का सोहन हलवा
नया बाजार की लस्सी और आम का कलाकंद कड़क्का चौकी की दहीथड़ी केसरंगज का मिल्क केक और गजक
जिले में यह खास
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नसीराबाद का कचौरा पुष्कर के मालपुवे-काला जामुन
ब्यावर की तिलपट्टी किशनगढ़ का मक्खन बड़ा
मांगलियावास की रबड़ी ट्यूरिस्ट की जुबानी- दिल्ली में सुना था कि यहां की कढ़ी-कचौरी बहुत फेमस है, इसलिए अजमेर आया तो कढ़ी-कचौरी खाना नहीं भूला। वाकई लाजवाब है।
– रघुनाथ सिंह पाई, नई दिल्ली
ब्यावर की तिलपट्टी किशनगढ़ का मक्खन बड़ा
मांगलियावास की रबड़ी ट्यूरिस्ट की जुबानी- दिल्ली में सुना था कि यहां की कढ़ी-कचौरी बहुत फेमस है, इसलिए अजमेर आया तो कढ़ी-कचौरी खाना नहीं भूला। वाकई लाजवाब है।
– रघुनाथ सिंह पाई, नई दिल्ली
जिस तरह लोग चारधाम जाकर पुष्कर आना नहीं भूलते, वैसे ही मैं अजमेर आकर कढ़ी-कचौरी खाना नहीं भूलता हूं। इसके बिना मेरा आना सफल नहीं होता। – नरपत सिंह, गुलाबपुरा