श्रीनगर थाना पुलिस ने युवती की निर्मम हत्या की वारदात का बुधवार दोपहर राजफाश कर दिया। युवती की मां ने आवेश में सिर में कुल्हाड़ी मारकर उसकी हत्या कर दी। फिर रात के अंधेरे में मूक बधिर बेटे की मदद से शव को जंगल में स्थित कुएं में डालकर ठिकाने लगा दिया। वारदात का कारण अन्य युवक से बातचीत व उसके साथ जाने की जिद्द बताया जा रहा है, जिसके चलते आक्रोशित मां ने लोकलाज के चलते उसकी हत्या कर दी। वह उसका गौना करना चाहती थी, जबकि युवती का अन्य युवक से प्रेम-प्रसंग चल रहा था।
अति. पुलिस अधीक्षक (केकड़ी) अकलेश कुमार शर्मा ने बताया कि जिलावड़ा गांव में 27 अप्रेल को लापता युवती सोनू बानो (21) की निर्मम हत्या के मामले में उसकी मां शांति बेगम (57) व भाई हनीफ बेग (37) को गिरफ्तार किया।वृत्ताधिकारी (नसीराबाद) पूनम भरगड़ के नेतृत्व में थानाधिकारी राजेश कुमार व उनकी टीम ने ब्लाइंड मर्डर में संदिग्धों से पूछताछ के साथ तकनीकी मदद ली। वारदात में परिजन की लिप्तता के सुराग मिलने पर शांति बेगम पर शक हुआ। गहन पूछताछ में शांति बेगम टूट गई। उसने बेटे हनीफ के साथ सोनू की हत्या कर लाश कुएं में डालना कबूला। पुलिस ने शांति व हनीफ को गिरफ्तार कर लिया।
मारकर बाड़े में रखा शव पड़ताल में शांति ने बताया कि 26 अप्रेल दोपहर सोनू की हत्या के बाद बेटे हनीफ के साथ मिलकर शव को गुदड़ी में लपेट कर पहले बकरियों के बाड़े में रखा। उसी रात 12 बजे हनीफ के साथ रामपुरा अहिरान-मानपुरा की ढाणी के जंगल में स्थित कुएं में शव फेंक आए। शांति ने ही सोनू की चप्पल, लूगड़ी रास्ते में फैंकी थी, ताकि किसी को भी उन पर शक ना हो सके।
यूं चला घटनाक्रम गत 27 अप्रेल को जिलावड़ा निवासी मोहम्मद बेग ने थाने में रिपोर्ट दी कि बेटी सोनू बानो 26 अप्रेल सुबह 11 बजे बकरियां लेकर निकली फिर वापस नहीं लौटी। पुलिस ने गुमशुदगी दर्जकर कर ली। फिर 29 अप्रेल सुबह रामपुरा अहिरान व मानपुरा के जंगल में कुएं में शव मिलने की सूचना मिली। शिनाख्त के बाद परिजन ने हत्या व गैंग रेप का शक जाहिर किया। पुलिस ने हत्या व सबूत मिटाने का मामला दर्जकर अनुसंधान शुरू कर दिया।
कार्रवाई में यह रहे शामिल कार्रवाई करने वाली टीम में एएसआई हनुमानलाल, हैड कांस्टेबल जयपालसिंह. उगमाराम, सिपाही विक्रम, प्यारेलाल, महेन्द्रपाल, रामजीलाल, जयदेव, इन्द्र सिंह, हंसराज, जसवंतसिंह, शिवराज, धारूलाल, महिला कांस्टेबल ममता शामिल रहे।
गौना कर बेटी को भेजना चाहती थी ससुराल
उसकी जिंदगी में दूसरे युवक की मौजूदगी गुजरी नागवार
पुलिस पड़ताल में शांति ने बताया कि सबसे छोटी बेटी सोनू बानो की शादी बचपन में ही जिलावड़ा ग्राम में कर दी गई थी, लेकिन सोनू ससुराल नहीं जाकर अन्य किसी युवक से बातचीत कर उसके साथ रहना चाहती थी, जबकि घर में उसके गौना (मुकलावे) की तैयारी चल रही थी। उसने कई बार समझाइश की, लेकिन वह नहीं मानी। रोकने टोकने पर भी सोनू का अंजान युवक से बातचीत का सिलसिला चलता रहा। आखिर 26 अप्रेल दोपहर में उसने आवेश में सोनू के सिर में कुल्हाड़ी मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई। सबूत मिटाने व किसी को शक नहीं हो इसके लिए रात में बेटे हनीफ के साथ शव को जंगल में कुएं में फेंककर घर आ गए। दूसरे दिन 27 अप्रेल को उसके पति ने गुमशुदगी दर्ज करवा दी।
झूठी कहानी से गहराया शक
हत्या की वारदात में मां ने कई झूठी कहानी रचनी शुरू कर दी। उसने पहले 29 अप्रेल को सोनू का लुगड़ा झाड़ियों में फंसे होने के साथ कुछ दूरी पर चप्पल मिलने की बात कही। यह बात पुलिस के गले नही उतरी और परिजन पर ही हत्या की सुई गहराती गई।
हत्या की वारदात में मां ने कई झूठी कहानी रचनी शुरू कर दी। उसने पहले 29 अप्रेल को सोनू का लुगड़ा झाड़ियों में फंसे होने के साथ कुछ दूरी पर चप्पल मिलने की बात कही। यह बात पुलिस के गले नही उतरी और परिजन पर ही हत्या की सुई गहराती गई।
ग्रामीणों को भी किया गुमराह शांति व हनीफ ने वारदात के बाद ना केवल ग्रामीणों को गुमराह किया बल्कि पति मोहम्मद बेग को भी अंधेरे में रखा। उसने हत्या का शक दो युवकों पर जताते हुए गैंगरेप की कहानी रच डाली। यहां तक की बाइक सवार युवकों के साथ उसको जाते हुए देखने तक की बात आई। पुलिस पड़ताल में घटनास्थल और आस-पास किसी भी व्यक्ति का मूवमेंट नहीं आया।