अजमेर. बहुचर्चित मनी एक्सचेंज व्यवसायी मनीष मूलचंदानी हत्याकांड का मंगलवार को जिला पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया। वारदात को जयपुर और सीकर के पेशवर बदमाशों ने अंजाम दिया। पुलिस ने गिरोह के तीन गुर्गो को हथियार समेत गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की जबकि गैंग के सरगना समेत तीन की तलाश है। गिरोह ने दिल्ली, इन्दौर और बूंदी में लूट व हवाला कारोबारी को लूटने की वारदाते अंजाम दी है। व्यापारी की हत्या, लूट के मामले में अजमेर सेंट्रल जेल से तार जुड़े है। पुलिस मामले की गहनता से पड़ताल में जुटी है।
पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि 21 फरवरी को जयपुर रोड आगरा गेट हिन्दुस्तान पेट्रोल पम्प के सामने स्थित अजमेर फोरेक्स के मालिक आशागंज निवासी मनीष मूलचंदानी की हत्या के मामले में पुलिस की स्पेशल टीम ने जयपुर जोबनेर बोराज निवासी मोईनुद्दीन उर्फ मैनू पुत्र हबीब खां को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में उसने लूट की रकम में हिस्सेदारी लेना और वारदात अंजाम देने वाले आरोपियों के नाम कबूला। मोईनुद्दीन की इत्तला पर स्पेशल टीम ने जयपुर जोबनेर बोबास निवासी सीताराम पुत्र पांचूराम जाट, सीकर दातारामगढ़ डांसरोली निवासी अर्जुनसिंह उर्फ अज्जू पुत्र किशोरसिंह राजपूत को गिरफ्तार किया। पूछताछ में सामने आया कि हत्या, लूट की वारदात जयपुर जोबनेर कंवरासा निवासी जितेन्द्रसिंह उर्फ जीतू बना पुत्र दरबारसिंह, रणजीतसिंह उर्फ रण सा और जयपुर सीतारामपुरा निवासी शंकर बलाई के साथ मिलकर अंजाम दी। गिरोह के सरगना जीतू बना व शंकर बलाई की पुलिस को तलाश है। पुलिस ने अर्जुनसिंह से पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल देशी कट्टा बरामद किया।
जेल से जुड़े तार
एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि गिरोह ने वारदात से पहले घटनास्थल की रैकी की। वारदात में पुलिस को अजमेर सेन्ट्रल जेल में बंद एक स्थानीय युवक की लिप्तता के सुराग मिले है। उसके कहने पर गिरोह ने वारदात को अंजाम दिया। पुलिस आरोपी की लिप्तता की पड़ताल में जुटी है। आरोपी लगातार गिरोह के सम्पर्क में था। संभवत: आरोपी की मदद से गिरोह ने रैकी कर वारदात को अंजाम दिया।
एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि गिरोह ने वारदात से पहले घटनास्थल की रैकी की। वारदात में पुलिस को अजमेर सेन्ट्रल जेल में बंद एक स्थानीय युवक की लिप्तता के सुराग मिले है। उसके कहने पर गिरोह ने वारदात को अंजाम दिया। पुलिस आरोपी की लिप्तता की पड़ताल में जुटी है। आरोपी लगातार गिरोह के सम्पर्क में था। संभवत: आरोपी की मदद से गिरोह ने रैकी कर वारदात को अंजाम दिया।
24 घंटे इंतजार फिर वारदात पुलिस पड़ताल में सामने आया कि गिरोह अजमेर में वारदात अंजाम देने के लिए 20 फरवरी को फलौदी में अजमेर पहुंचे थे लेकिन 20 फरवरी को मूलचंदानी की दुकान में भीड़ होने के चलते उन्होंने वारदात को टाल दिया। रैकी करने के बाद सभी जयपुर जोबनेर बोराज स्थित मईनुद्दीन उर्फ मैनू के शराब के ठेके पर जाकर सो गए। दूसरे दिन 21 फरवरी को गिरोह फिर वारदात अंजाम देने के इरादे से दो वाहन में लौटे। सीकर रोड से शहर में दाखिल होते शास्त्रीनगर स्थित दुकान से बैग खरीदा। करीब दोपहर 2 बजे डकैती की वारदात को अंजाम देने पहुंचे।
रण’सा ने चलाई गोली
पुलिस पड़ताल में सामने आया कि शास्त्रीनगर स्थित दुकान से सीताराम व अर्जुनसिंह उर्फ अज्जू ने बैग खरीदा। इसके बाद मुंह पर रूमाल बांधकर वे मूलचंदानी की दुकान पर पहुंचे। डकैती की वारदात अंजाम देकर निकलने के दौरान मनीष मूलचंदानी ने कार का गेट पकड़ लिया। रणजीत उर्फ रणसा ने गाड़ी में बैठते हुए फायर किया जिससे मूलचंदानी की मृत्यु हो गई।
पुलिस पड़ताल में सामने आया कि शास्त्रीनगर स्थित दुकान से सीताराम व अर्जुनसिंह उर्फ अज्जू ने बैग खरीदा। इसके बाद मुंह पर रूमाल बांधकर वे मूलचंदानी की दुकान पर पहुंचे। डकैती की वारदात अंजाम देकर निकलने के दौरान मनीष मूलचंदानी ने कार का गेट पकड़ लिया। रणजीत उर्फ रणसा ने गाड़ी में बैठते हुए फायर किया जिससे मूलचंदानी की मृत्यु हो गई।
फलौदी में बंद किए मोबाइल वारदात में खास बात यह रही कि गैंग ने जोधपुर से लौटने के दौरान फलौदी में मोबाइल स्वीचऑफ कर दिए। लौटते वक्त गिरोह जयपुर रोड गेगल टोल से पहले कच्चा रास्ते से ऊंटड़ा, सराना, सलेमाबाद से रूपनगढ़ मेगा हाईवे से सीकर निकल गए। गिरोह जोधपुर, फलौदी आने-जाने के दौरान अजमेर में रैकी कर चुका था। पुलिस को सीकर तक के सीसीटीवी फुटेज मिले है।
पुलिस के लिए थी चुनौती एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि दिनदहाड़े व्यापारी की गोली मारकर हत्या व लूट की वारदात अंजाम देने में मोबाइल का इस्तेमाल नहीं किए जाने से अपराधियों को पकडऩा पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) सरितासिंह व उपअधीक्षक डॉ. प्रियंका के नेतृत्व में कोतवाली थानाप्रभारी छोटीलाल, हैडकांस्टेबल प्रभातकुमार, विश्राम, साइक्लोन सेल प्रभारी जगमाल दाहिमा, स्पेशल टीम प्रभारी मनोहरसिंह, सिपाही जोगेन्द्रसिंह, देवेन्द्रसिंह व हिम्मत तौषिक की टीम गठित की गई। टीम ने 4 माह तक लगातार काम किया। कार्रवाई के दौरान पड़ोसी जिलों से भी मदद ली गई। इस दरम्यिान करीब एक दर्जन से ज्यादा गैंग व अपराधी जिला पुलिस की टीम के हत्थे चढ़े जिन्हें संबंधित जिला पुलिस को सुपुर्द किया गया। टीम के लगातार काम करने और लगन से जिला पुलिस को सफलता मिली।