महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (mdsu ajmer) का ‘कुलपति ’ पद अब हाईकोर्ट, सरकार और राजभवन के भरोसे है। नए राज्यपाल कलराज मिश्र (kalraj mishra) इसी सप्ताह कार्यभार संभालेंगे। बदले हुए समीकरण को देखते हुए तीनों को कोई अहम फैसला लेना जरूरी होगा।
विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह (r.p.singh) के कामकाज पर 11 अक्टूबर से राजस्थान हाईकोर्ट की रोक कायम है। हाईकोर्ट (rajasthan highcourt) ने 2 अगस्त को हुई सुनवाई में फैसला सुरक्षित रखा था। तबसे एक महीने बीत चुका है। इस दौरान राजभवन (raj bhawan) ने फरवरी में डीन कमेटी गठित की थी। ताकि विश्वविद्यालय के प्रशासनिक और शैक्षिक कार्यों में दिक्कतें नहीं हो। मौजूदा वक्त कमेटी भी सक्रिय नहीं है।
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कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह मौजूदा राज्यपाल राज्यपाल कल्याण सिंह (kalyan singh) के बेहद नजदीक हैं। इसके चलते उन्हें जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय सहित महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में उन्हें कुलपति (vice chancellor) पद पर नियुक्ति मिली। इस लिहाज से प्रदेश के अन्य कुलपतियों की तुलना में प्रो. सिंह सबसे शक्तिशाली हैं।
कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह मौजूदा राज्यपाल राज्यपाल कल्याण सिंह (kalyan singh) के बेहद नजदीक हैं। इसके चलते उन्हें जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय सहित महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में उन्हें कुलपति (vice chancellor) पद पर नियुक्ति मिली। इस लिहाज से प्रदेश के अन्य कुलपतियों की तुलना में प्रो. सिंह सबसे शक्तिशाली हैं।
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राज्यपाल सिंह का कार्यकाल 3 सितंबर को पूरा होगा। राष्ट्रपति (president of india) ने कलराज मिश्र को राजस्थान का नया राज्यपाल (new governor) नियुक्त किया है। मिश्र अब राज्यपाल सिंह की जगह बागडोर संभालेंगे। इस लिहाज से राजभवन में भी समीकरण बदल जाएंगे। हालांकि नए राज्यपाल मिश्र भी उत्तरप्रदेश (Uttar pradesh) हैं। मौजूदा राज्यपाल के नजदीकी होने से संभवत: मिश्र भी उच्चाधिकारियों (officials) से सलाह लेने के बाद ही कदम उठाएंगे।
राज्यपाल सिंह का कार्यकाल 3 सितंबर को पूरा होगा। राष्ट्रपति (president of india) ने कलराज मिश्र को राजस्थान का नया राज्यपाल (new governor) नियुक्त किया है। मिश्र अब राज्यपाल सिंह की जगह बागडोर संभालेंगे। इस लिहाज से राजभवन में भी समीकरण बदल जाएंगे। हालांकि नए राज्यपाल मिश्र भी उत्तरप्रदेश (Uttar pradesh) हैं। मौजूदा राज्यपाल के नजदीकी होने से संभवत: मिश्र भी उच्चाधिकारियों (officials) से सलाह लेने के बाद ही कदम उठाएंगे।
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सीजे एस. रविंद्र भट्ट की खंडपीठ (double bench) ने कुलपति प्रकरण में फैसला सुरक्षित रखा है। अदालत ने फैसला सुनाने के लिए कोई तारीख मुकर्रर नहीं की है। इधर नए राज्यपाल कलराज मिश्र की नियुक्ति हो चुकी है। साथ ही सरकार विधानसभा (vidhan sabha) में विश्वविद्यालय की विधियां (संशोधन) विधेयक 2019 पारित कर चुकी है। इसमें विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को हटाने (termination of VC) को लेकर प्रावधान सुनिश्चित किया गया है। ऐसे में मदस विश्वविद्यालय के मामले में तीनों को अहम फैसला लेना जरूरी होगा।
सीजे एस. रविंद्र भट्ट की खंडपीठ (double bench) ने कुलपति प्रकरण में फैसला सुरक्षित रखा है। अदालत ने फैसला सुनाने के लिए कोई तारीख मुकर्रर नहीं की है। इधर नए राज्यपाल कलराज मिश्र की नियुक्ति हो चुकी है। साथ ही सरकार विधानसभा (vidhan sabha) में विश्वविद्यालय की विधियां (संशोधन) विधेयक 2019 पारित कर चुकी है। इसमें विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को हटाने (termination of VC) को लेकर प्रावधान सुनिश्चित किया गया है। ऐसे में मदस विश्वविद्यालय के मामले में तीनों को अहम फैसला लेना जरूरी होगा।