महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (mdsu ajmer) के कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह (Prof r. p. singh) अब कामकाज कर सकेंगे। बुधवार को राजस्थान हाईकोर्ट (rajasthan high court) ने 2 अगस्त को सुरक्षित रखा फैसला सुनाया। इसमें कुलपति प्रो. सिंह के कामकाज पर लगी रोक हटा दी। कुलपति ने औपचारिक रूप से दफ्तर संभाल लिया, लेकिन वे औपतारिक रूप से गुरुवार के कार्य शुरू करेंगे।
read more: बिटिया @ work: बेटियों ने संभाला मम्मी-पापा के ऑफिस में कामकाज लक्ष्मी नारायण बैरवा की याचिका पर पिछले साल 11 अक्टूबर को राजस्थान हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग (pradeep nandrajog) और जस्टिस दिनेश मेहता (dinesh mehta) की खंडपीठ ने कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह के कामकाज पर 26 अक्टूबर तक रोक लगा दी थी। इसके बाद न्यायालय ने रोक 1,16, 28 नवंबर, 3 दिसंबर और 11 और 29 जनवरी, 21, 25 एवं 27 फरवरी, 6 और 27 मार्च, 4 एवं 18 अप्रेल, 12 जुलाई और 2 अगस्त तक बढ़ा दी। सीजे एस. रविंद्र भट्ट की खंडपीठ ने बीती 2 अगस्त को कुलपति प्रकरण (vice chancellor case) सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया।
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बुधवार को हाईकोर्ट के सीजे एस. रविंद्र भट्ट और जस्टिस विनीत माथुर ने फैसला सुनाया। इसमें कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह के कामकाज पर लगी रोक हटाने (stay vacate) के आदेश जारी किए। इससे कुलपति प्रो. सिंह को 11 महीने बाद राहत मिली। उन्होंने कुलपति सचिवालय (VC Office) में पदभार संभाल लिया। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के अध्ययन के बाद उन्होंने गुरुवार को कामकाज शुरू करने फैसला किया है। मालूम हो कि पत्रिका ने पिछले 11 महीने में लगातार इस मुद्दे पर खबरें की थी।
बुधवार को हाईकोर्ट के सीजे एस. रविंद्र भट्ट और जस्टिस विनीत माथुर ने फैसला सुनाया। इसमें कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह के कामकाज पर लगी रोक हटाने (stay vacate) के आदेश जारी किए। इससे कुलपति प्रो. सिंह को 11 महीने बाद राहत मिली। उन्होंने कुलपति सचिवालय (VC Office) में पदभार संभाल लिया। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के अध्ययन के बाद उन्होंने गुरुवार को कामकाज शुरू करने फैसला किया है। मालूम हो कि पत्रिका ने पिछले 11 महीने में लगातार इस मुद्दे पर खबरें की थी।
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हाईकोर्ट के आदेश मिलते ही कुलपति सचिवालय और निवास स्थान पर शिक्षक, कर्मचारी पहुंच गए। 11 महीने से सूना कार्यालय (office) और निवास (residence) आबाद हो गया। लोग बुके और फूल माला, मिठाई लेकर पहुंच गए।
हाईकोर्ट के आदेश मिलते ही कुलपति सचिवालय और निवास स्थान पर शिक्षक, कर्मचारी पहुंच गए। 11 महीने से सूना कार्यालय (office) और निवास (residence) आबाद हो गया। लोग बुके और फूल माला, मिठाई लेकर पहुंच गए।
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-2018-19 में नवां दीक्षांत समारोह नहीं होने पदक और डिग्रियां अटकी
-नहीं हो सका बीते साल अन्तर कॉलेज सांस्कृतिक कार्यक्रम
-250 से ज्यादा सरकारी-निजी कॉलेज की सम्बद्धता में विलंब
-राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान का 11.19 करोड़ रुपए का बजट लैप्स
-यूजीसी से स्वीकृत ऋषि दयानंद चेयर का काम ठप
-20 नए शिक्षकों और सात अधिकारियों की भर्ती अटकी
-निलंबित प्रो.सतीश अग्रवाल के मामले की आंतरिक जांच
-परिसर में सफाई और वाहनों के टेंडर-शिक्षकों
-कर्मचारियों, अधिकारियों को सातवें वेतनमान का लाभ
-विश्वविद्यालय में नहीं हुई शोध प्रवेश परीक्षा
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-निलंबित प्रो.सतीश अग्रवाल के मामले की आंतरिक जांच
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हाईकोर्ट ने रोक हटाने के आदेश दिए हैं। फैसला का अध्ययन करने के बाद कामकाज शुरू करेंगे। विश्वविद्यालय को गति मिले इसको देखते हुए त्वरित कार्य करेंगे।
प्रो. आर. पी. सिंह, कुलपति मदस विश्वविद्यालय