अजमेर

रामभरोसे चल रही राजस्थान की ये यूनिवर्सिटी, किसी को नहीं है परवाह

कुलसचिव का पद रिक्त है। डीन कमेटी भी सीमित अधिकार के चलते अहम फैसले लेने में सक्षम नहीं है।

अजमेरApr 26, 2019 / 05:37 am

raktim tiwari

problem in MDSU

अजमेर.
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय रामभरोसे संचालित है। यहां राजस्थान हाईकोर्ट की रोक के चलते कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह फिलहाल कामकाज नहीं कर सकते हैं। कुलसचिव का पद रिक्त है। डीन कमेटी भी सीमित अधिकार के चलते अहम फैसले लेने में सक्षम नहीं है।
लक्ष्मीनारायण बैरवा की जनहित याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह के कामकाज पर गत वर्ष 11 अक्टूबर को कामकाज पर रोक लगाई थी। यह रोक अब तक जारी है। इधर पिछले एक महीने से कुलसचिव पद रिक्त है। यहां वित्त नियंत्रक भागीरथ सोनी अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाले हुए है। वे भी कुलसचिव पद पर आरएएस अधिकारी की नियुक्ति का आग्रह कर चुके हैं।
कुलपति कक्ष में फाइलों के ढेर

कुलपति कक्ष में पिछले छह महीने से अहम फाइलों के ढेर लगे हैं। कुलपति की कुर्सी और इसके आसपास फाइलें पड़ी है। इन पर नीतिगत निर्णय होना है। कुलपति ही इनका निस्तारण करने में सक्षम हैं। इसके अलावा शोध प्रवेश परीक्षा, विश्वविद्यालय में सातवां वेतनमान, दीक्षान्त समारोह, शिक्षकों-अधिकारियों की भर्ती जैसे अहम कार्य भी अटक गए हैं। डीन कमेटी इन मामलों का निस्तारण नहीं कर सकती है।
एक साल में देखे चार कुलपति
विश्वविद्यालय पिछले साल चार कुलपति देख चुका है। साल की शुरुआत में महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह के पास यहां का अतिरिक्त प्रभार था। इसके बाद 20 अप्रेल को प्रो. विजय श्रीमाली स्थाई कुलपति नियुक्त हुए। लेकिन 21 जुलाई को उनका आकस्मिक निधन हो गया है। इसके बाद बीस दिन कुलपति पद खाली रहा। राजभवन ने 10 अगस्त को बांसवाड़ा के गोविंद गुरु विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी को अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी। इस दौरान कुलपति सर्च कमेटी के पैनल सौंपने पर राजभवन और सरकार ने 6 अक्टूबर को प्रो. आर. पी.सिंह को स्थाई कुलपति नियुक्त किया। लेकिन हाईकोर्ट ने उनके कामकाज पर पाबंदी लगा दी है।

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