वार्षिकोत्सव के तहत १३ अक्टूबर को शाम ५ बजे खेलकूद पुरस्कार वितरण समारोह होगा। इसकी मुख्य अर्जुन पुरस्कार विजेता और अतिथि पैराओलम्पिक गेम्स में रजत पदक विजेता दीपा मलिक होंगी। वे शॉटपुट, भाला फैंक और कार रेसर भी हैं। १४ अक्टूबर को वाले हॉर्स शो के मुख्य अतिथि पोलो खिलाड़ी समीर सुहाग होंगे।
सुहाग १९९१, १९९५, १९९८, २००३ और २०११ में विश्व कप पोलो में भारतीय टीम में खेल चुके हैं। शो के दौरान इस दौर छात्राएं टेंट पिगिंग, शो जम्पिंग का प्रदर्शन करेंगी। १५ अक्टूबर को सुबह १०.३० बजे होने वाले पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि महात्मा गांधी इंटरनेशनल स्कूल अहमदाबाद के प्राचार्य डॉ. पास्कल सजॉट होंगे। वे विभिन्न शैक्षिक और सह शैक्षिक गतिविधियों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को पुरस्कृत करेंगे। समारोह में मेयो कॉलेज गवर्निंग कौंसिल के अध्यक्ष बृजराज सिंह और अन्य शामिल होंगे।
कई हस्तियां आ चुकी हैं मेयो गल्र्स १ अगस्त १९८७ में स्थापित मेयो कॉलेज गल्र्स स्कूल के वार्षिकोत्सव में कई नामचीन हस्तियां आ चुकी हैं। इनमें पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील, वित्त मंत्री अरुण जेटली , गुजरे जमाने की फिल्म अभिनेत्री शर्मिला टैगोर, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, राजस्थान की पूर्व राज्यपाल मारग्रेट आल्वा, बिड़ला समूह की निदेशक राजश्री बिड़ला, राजस्थान की मुख्यमंत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और अन्य शामिल हैं।
छात्राएं हैं विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत मेयो कॉलेज गल्र्स स्कूल की छात्राएं देश-विदेश में कार्यरत हैं। कई छात्राएं आईएएस, प्रोफेसर-लेक्चरर, पत्रकारिता, लेखन, बॉलीवुड में कार्यरत हैं। छात्राओं ने निर्देशन, स्कूल शिक्षा, घुड़सवारी, राजनीति में भी कॅरियर बनाया है। यहां आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव की पुत्री मीसा भारती, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की पुत्रियां, राजस्थान की मुख्यमंत्री की पौत्री सहित कई सियासी नेताओं, राज्यपाल, केंद्रीय मंत्रियों नामचीन औद्योगिक घरानों, फिल्म निर्देशकों, पत्रकारों की बेटियां पढ़ चुकी हैं।
जब प्रियंका आई थी अजमेर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पुत्री प्रियंका गांधी वाड्रा भी पिछले साल अजमेर आई थी। उन्होंने अपनी बेटी मिराया का दाखिला अजमेर के मेयो कॉलेज गल्र्स स्कूल में कराने की योजना बनाई थी। आसपास के क्षेत्रों में सघन बस्तियों को देखकर एसपीजी ने मिराया को यहां दाखिला दिलाने से इन्कार कर दिया था इसके चलते प्रियंका को अपना फैसला बदलना पड़ा था।