पिछले दस सालों से अजमेर का मास्टर प्लान आपत्तियों से ही बाहर नहीं आ सका। इससे शहर बेतरतीब तरीके से विकसित हो रहा है। अजमेर विकास प्राधिकरण ने मास्टर प्लान 2033 का प्रारूप तैयार कर आपत्तियों मांगी थी। इस पर प्राधिकरण को 300 आपत्तियां प्राप्त भी हुई है लेकिन महीनों बाद भी इनका निस्तारण नहीं हो सका। आचार संहिता लगने के कारण अब मास्टर प्लान का काम रुका हुआ है।
बोर्ड बैठक भी मुश्किल मास्टर प्लान को मंजूरी भी केवल प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में दी जा सकेगी चुनाव के दौरान बोर्ड बैठक होना भी मुश्किल है। मामले में खास है कि अभी 2023 का मास्टर प्लान लागू है लेकिन इसका जोनल प्लान नहीं बनाया जा सका। अब 2033 का मास्टर प्लान फाइनल होने के बाद जोनल प्लान बनाया जाएगा। जोनल प्लान नहीं होने से नियमन व नामान्तरण के काम नहीं हो पा रहे हैं।
यह है एडीए का दावा
अजमेर मास्टर डवलपमेंट प्लान- 2033 प्रारूप को अजमेर विकास प्राधिकरण ने 13 दिसम्बर 2013 को प्रकाशित करवा कर 17 दिसम्बर 2013 से 20 जनवरी 2014 तक आम जनता से आपत्ति/सुझाव मांगे थे। इस अवधि में 151 तथा नियत अवधि के बाद 22 आपत्तियां/ सुझाव आए। मास्टर प्लान 2033 प्रारूम में पुन: एक माह की अवधि के लिए 13 मार्च 2018 से 12 अप्रेल 2018 तक आपत्ति/ सुझाव आमंत्रित किए गए जिसमें कुल 150 आपत्तियां सुझाव आए। इस तरह 301 आपत्ति/ सुझाव प्राप्त हुए। मास्टर प्लान डवलमेंट प्लान 2033 प्रारूप में प्राप्त आपत्ति/ सुझाव पर अंतिम निर्णय लेकर मास्टर प्लान 2033 प्रारूप को अंतिम रूप दिए जाने की कार्यवाही किया जाना प्रक्रियाधीन है।
अजमेर मास्टर डवलपमेंट प्लान- 2033 प्रारूप को अजमेर विकास प्राधिकरण ने 13 दिसम्बर 2013 को प्रकाशित करवा कर 17 दिसम्बर 2013 से 20 जनवरी 2014 तक आम जनता से आपत्ति/सुझाव मांगे थे। इस अवधि में 151 तथा नियत अवधि के बाद 22 आपत्तियां/ सुझाव आए। मास्टर प्लान 2033 प्रारूम में पुन: एक माह की अवधि के लिए 13 मार्च 2018 से 12 अप्रेल 2018 तक आपत्ति/ सुझाव आमंत्रित किए गए जिसमें कुल 150 आपत्तियां सुझाव आए। इस तरह 301 आपत्ति/ सुझाव प्राप्त हुए। मास्टर प्लान डवलमेंट प्लान 2033 प्रारूप में प्राप्त आपत्ति/ सुझाव पर अंतिम निर्णय लेकर मास्टर प्लान 2033 प्रारूप को अंतिम रूप दिए जाने की कार्यवाही किया जाना प्रक्रियाधीन है।
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