भाजपा ने काफी मशक्कत के बाद लोकसभा चुनाव के लिए अपनी पहली सूची जारी कर दी है। अजमेर लोकसभा सीट से भागीरथ चौधरी को पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया है। चौधरी किशनगढ़ से दो बार विधायक रह चुके हैं। भाजपा ने लगातार तीसरी बार जाट समुदाय को अवसर दिया है।
गुरुवार शाम भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए पहली सूची जारी की। इसमें अजमेर लोकसभा क्षेत्र से भागीरथ चौधरी को प्रत्याशी घोषित किया गया है। चौधरी किशनगढ़ के पूर्व विधायक रहे हैं। वे 2003 से 2008 और 2013 से 2018 तक दो बार विधायक रहे थे। चौधरी का मार्बल व्यवसाय से काफी ताल्लुक रहा है।
विधानसभा चुनाव में कटा था टिकट
चौधरी का पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में टिकट कट गया था। भाजपा ने उनकी बजाय युवा चेहरे विकास चौधरी को किशनगढ़ से प्रत्याशी बनाया। इसके चलते भागीरथ चौधरी और उनके समर्थकों में जबरदस्त नाराजगी रही। कांग्रेस ने भी पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया का टिकट काटकर नए प्रत्याशी को उतारा। इसके चलते कांग्रेस और भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा। यहां से निर्दलीय प्रत्याशी सुरेश टाक विजयी रहे थे।
चौधरी का पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में टिकट कट गया था। भाजपा ने उनकी बजाय युवा चेहरे विकास चौधरी को किशनगढ़ से प्रत्याशी बनाया। इसके चलते भागीरथ चौधरी और उनके समर्थकों में जबरदस्त नाराजगी रही। कांग्रेस ने भी पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया का टिकट काटकर नए प्रत्याशी को उतारा। इसके चलते कांग्रेस और भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा। यहां से निर्दलीय प्रत्याशी सुरेश टाक विजयी रहे थे।
तीसरी पर जाट समुदाय को प्रतिनिधित्व
भाजपा ने लगातार तीसरी बार जाट समुदाय को अजमेर से मौका दिया है। 2014 में तत्कालीन जलदाय मंत्री सांवरलाल जाट को अजमेर से उतारा गया था। उन्होंने तत्कालीन कॉरपॉरेट अफेयर और मौजूदा उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को 1.41 लाख वोट से हराकर चुनाव जीता।
भाजपा ने लगातार तीसरी बार जाट समुदाय को अजमेर से मौका दिया है। 2014 में तत्कालीन जलदाय मंत्री सांवरलाल जाट को अजमेर से उतारा गया था। उन्होंने तत्कालीन कॉरपॉरेट अफेयर और मौजूदा उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को 1.41 लाख वोट से हराकर चुनाव जीता।
जाट की 2017 में मृत्यु होने पर अजमेर लोकसभा सीट के उपचुनाव हुए। यहां से भाजपा ने जाट के पुत्र रामस्वरूप लांबा को उतारा। लेकिन लांबा को मौजूदा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने हराया। अब भाजपा ने भागीरथ चौधरी पर दांव खेला है।
कांग्रेस पर निगाहें
चौधरी को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद अब सबकी निगाहें कांग्रेस पर टिकी हैं। कांग्रेस अब ब्राह्मण, वैश्य या अन्य किसी समुदाय के व्यक्ति को प्रत्याशी बना सकती है।
चौधरी को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद अब सबकी निगाहें कांग्रेस पर टिकी हैं। कांग्रेस अब ब्राह्मण, वैश्य या अन्य किसी समुदाय के व्यक्ति को प्रत्याशी बना सकती है।