प्रवेश समिति समन्वयक डॉ. आर. एन. चौधरी ने बताया कि सत्र 2018-19 की परीक्षा में प्रथम, द्वितीय वर्ष और एलएलएम पूर्वाद्र्ध के विद्यार्थी शामिल हुए हैं। सत्र 2019-20 में प्रवेश के लिए इन्हें अंडर टेकिंग (under taken) देनी होगी। विद्याऐर्थी वेबसाइट (website) से अंडरटेकिंग के आवेदन पत्र डाउनलोड (download)कर सकेंगे। साथ ही निर्धारित शुल्क (fees) का ड्राफ्ट (draft) प्राचार्य लॉ कॉलेज के नाम बनवाकर जमा (deposit draft) करा सकेंगे। निर्धारित तिथि के बाद आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
read more: Law college: बीते 31 दिन, एलएलबी फस्र्ट ईयर के प्रवेश पर धुंध कब होंगे प्रथम वर्ष के प्रवेश? सत्र 2019-20 में प्रथम वर्ष के दाखिलों (first year admission)का अता-पता नहीं है। कॉलेज को महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (mdsu ajmer) से सम्बद्धता पत्र नहीं मिल पाया है। सम्बद्धता पत्र (affiliation letter) मिलने के बाद इसे बार कौंसिल ऑफ इंडिया (BCI) को भेजा जाएगा। वहां से अनुमति मिलने के बाद ही प्रथम वर्ष के प्रवेश की अनुमति (approval) मिलेगी। मालूम हो कि साल 2005-06 से प्रथम वर्ष में दाखिलों में लेटलतीफी चल रही है। सरकार (state govt) और बीसीआई ने इसका स्थाई समाधान नहीं खोजा है।
read more: Patrika Sting : 500 रुपए चार्ज है, आप 200 ही दे दो तीन साल की सम्बद्धता में रोड़े बार कौंसिल ने विश्वविद्यालयों को सभी लॉ कॉलेज को एक के बजाय तीन साल की एकमुश्त सम्बद्धता देने को कहा। फिर भी सरकार (government) और विश्वविद्यालय (mds university) कोई फैसला नहीं ले पाए हैं। जहां विश्वविद्यालय अपनी स्वायतत्ता छोडऩा नहीं चाहते। वहीं सरकार इस मुद्दे को कॉलेज और विश्वविद्यालय के बीच मानते हुए दूरी बनाए हुए है।
read more: Student election: नोटा पर खामोशी चुप्पी, स्टूडेंट्स अपने हक से दूर सुविधाओं का अभाव यूजीसी के नियमानुसार किसी भी लॉ कॉलेज (law college) में मौजूदा वक्त पर्याप्त शिक्षक (faculty) नहीं है। कॉलेज में शारीरिक शिक्षक, खेल मैदान, सभागार, और अन्य सुविधाएं (facilities)नहीं हैं। विद्यार्थियों से विकास और खेल शुल्क वसूला जाता है, पर उसका उपयोगिता नहीं दिख रही है।