गिनाने को बड़े प्रोजेक्ट नहीं स्मार्ट सिटी अजमेर के पास गिनाने के नाम पर कोई भी बड़ा प्रोजेक्ट नहीं है। 225 करोड़ का एलीवेटेड रोड का निर्माण कछुआ चाल से चल रहा है। यह कब पूरा होगा इसका अनुमान लगाना मुश्किल है। इसकी वजह से भी रैंकिग में गिरावट है। इसके पूरे होन पर करीब 8 नम्बर और मिल सकते हैं। करीब 100 करोड़ का पेयजल का प्रोजेक्ट तथा करीब 100 करोड़ के सीवरेजट प्रोजेक्ट की गति भी धीमी है। स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्टों में गुणवत्ता का अभाव है। घटिया निर्माण सामग्री का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है। जो पैटर्न राज्य सहित देश की किसी भी स्मार्ट सिटी में नहीं अपनाया जा रहा है वह अजमेर में जमकर उपयोग में लाया जा रहा है। प्रोजेक्टों में भ्रष्टाचार चरम पर है।
इस प्रकार मिलती है रैंकिंग शहरी विकास मंत्रालय स्मार्ट सिटी में शामिल समस्त 100 शहरों की रैंकिंग जारीकरता है। उसमें कामों की प्रगति देखी जाती है।यह भी देखाजाता है अब तक कितने काम पूरे हो चुके हैं और टैंडर प्रक्रिया की रफ्तार क्या है। मंत्रालय इस पर भी नजर रखता है कि किसी शहर को विकास कार्यों के लिए जो फंड दिया गया था उसे काम लेने के बाद उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजने में कौनसा शहर कितना सक्रिय रहा।