अजमेर.स्मार्ट सिटी smart city अजमेर में प्रोजेक्ट भले ही पीछे चल रहे हों और गिनाने के लिए 20 करोड़ के चंद काम ही हो लेकिन अभियंताओं की प्रतिनियुक्त व ठेका शर्ते बदलने और चहतों को फायदा पहुंचाने का ‘खुला खेल’ चल रहा है। स्मार्ट सिटी में पहले ही प्रतिनियुक्तियों पर विवाद चल रहा वहीं पिछले सप्ताह एक और ‘खेल’ सामने आ गया। कनिष्ठ अभियंता अंकित माथुर ने स्वंय को सहायक अभियंता बताते हुए UDH नगरीय विकास विभाग से स्मार्ट सिटी में सहायक अभियंता के पद पर प्रतिनियुक्ति आदेश करवा लिए। इतना ही नहीं स्वंय को राजपत्रित अधिकारी मानते जिला कलक्टर एवं स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को ज्वानिंग भी दे दी। करोड़ों के प्रोजेक्ट भी हाथ ले लिए। जबकि नगरीय विकास विभाग द्वारा कनिष्ठ अभियंता की 7 मई 2020 को वरिष्ठ सूची में अंकित माथुर का स्थान 151 वां है, लेकिन वे 150 कनिष्ठ अभियंताओं पछाड़ते हुए बिना डीपीसी व पदोन्नति के ही सहायक अभियंता बन कर आ गए। मामला कलक्टर तक पहुंचने के बाद अब खलबली मची हुई है।
नहीं थम रही बैक डोर एंट्री
स्मार्ट सिटी अजमेर में एईएन/ जेईएन के दो पद स्वीकृत हैं। पूर्व के वर्ष में प्रतिनियुक्त के जरिए भर्ती विज्ञापन में इन्ही पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। लेकिन मौजूदा प्रतिनियुक्त प्रक्रिया में ‘खेल’ करते हुए स्मार्ट सिटी कर्ताधर्ताओं ने खुद ही पदों का विभाजन कर एक एईएन और एक जेईएन के लिए साक्षात्कार भी ले लिया। लेकिन इस बीच जेईएन अंकित माथुर ने खुद को एईएन बताकर बैक डोर एंट्री ले ली। ऐसे में कर्ताधर्ताओं को पुराने नियम याद आने लगे,अब इसका तोड़ ढूंढा जा रहा है। अब बैक डोर एंट्री के लिए एईएन का पद खाली छोडऩे की कवायद जारी है।
स्मार्ट सिटी अजमेर में एईएन/ जेईएन के दो पद स्वीकृत हैं। पूर्व के वर्ष में प्रतिनियुक्त के जरिए भर्ती विज्ञापन में इन्ही पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। लेकिन मौजूदा प्रतिनियुक्त प्रक्रिया में ‘खेल’ करते हुए स्मार्ट सिटी कर्ताधर्ताओं ने खुद ही पदों का विभाजन कर एक एईएन और एक जेईएन के लिए साक्षात्कार भी ले लिया। लेकिन इस बीच जेईएन अंकित माथुर ने खुद को एईएन बताकर बैक डोर एंट्री ले ली। ऐसे में कर्ताधर्ताओं को पुराने नियम याद आने लगे,अब इसका तोड़ ढूंढा जा रहा है। अब बैक डोर एंट्री के लिए एईएन का पद खाली छोडऩे की कवायद जारी है।
पड़ रहा अनावश्यक वित्तीय भार
स्मार्ट सिटी अजमेर व कोटा में अतिरिक्त मुख्य अभियंता का पद स्वीकृत नहीं है। इसके बावजूद अधीक्षण अभियंता की बजाय अतिरिक्त मुख्य अभियंता पद पर का काम करवाया जा रहा है। इससे स्मार्ट सिटी पर वित्तीयभार पड़ रहा है। स्मार्ट सिटी में अधीक्षण अभियंता का पद रिक्त चल रहा है लेकिन इसे प्रतिनियुक्ति से नहीं भरा जा रहा है।
स्मार्ट सिटी अजमेर व कोटा में अतिरिक्त मुख्य अभियंता का पद स्वीकृत नहीं है। इसके बावजूद अधीक्षण अभियंता की बजाय अतिरिक्त मुख्य अभियंता पद पर का काम करवाया जा रहा है। इससे स्मार्ट सिटी पर वित्तीयभार पड़ रहा है। स्मार्ट सिटी में अधीक्षण अभियंता का पद रिक्त चल रहा है लेकिन इसे प्रतिनियुक्ति से नहीं भरा जा रहा है।
इनका कहना है
जेईएन माथुर को कह दिया गया है वह अपने आदेश संशोधित करवा कर लाए। जल्द ही संशोधित आदेश आ जाएंगें। अनिल विजयवर्गीय,मुख्य अभियंता स्मार्ट सिटी,अजमेर readmore:बांडी नदी किनारे चौपाटी निर्माण पर खर्च होंगे 6.87 करोड़
जेईएन माथुर को कह दिया गया है वह अपने आदेश संशोधित करवा कर लाए। जल्द ही संशोधित आदेश आ जाएंगें। अनिल विजयवर्गीय,मुख्य अभियंता स्मार्ट सिटी,अजमेर readmore:बांडी नदी किनारे चौपाटी निर्माण पर खर्च होंगे 6.87 करोड़