अजमेर में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में शेखावत ने कहा कि पिछली राजस्थान सरकार ने ईआरपीसी बनाई, जिसमें सिर्फ तीन जिलों को 525 एमसीएम पानी मिलने वाला था और इस परियोजना की लागत 15000 करोड़ रुपए थी, लेकिन मध्यप्रदेश और राजस्थान में भाजपा की सरकार बनने के बाद ईआरसीपी को संशोधित कर इसे पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ परियोजना से लिंक कर दिया गया। इसके कारण राजस्थान और मध्यप्रदेश दोनों को मिलाकर करीब पांच हजार एसीएम पानी मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब चालीस हजार करोड़ रुपए है। उन्हें विश्वास है कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केन-बेतवा परियोजना के लिए 90 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराई है, उसी तरह इस परियोजना के लिए भी वे 90 प्रतिशत राशि उपलब्ध कराएंगे। इससे राजस्थान सरकार को महज दो हजार करोड़ रुपए खर्च करने होंगे, जबकि पिछली परियोजना के मुकाबले उसे पांच गुना ज्यादा पानी उपलब्ध होगा।
शीघ्र लागू होगा नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री शेखावत ने कहा कि देश में जल्द नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू होगा। इसको लेकर कवायद लगभग पूरी हो चुकी है। नियम व उपनियम बनाए जा चुके हैं। सीएए का कानून लोकसभा एवं राज्यसभा में बिल पारित करवा दिया, लेकिन कुछ ऐसे लोगों ने जिनकी राजनीतिक महत्वकांक्षा और तुष्टिकरण की राजनीति के आधार पर उनकी राजनीति चलती है, उसको बढ़ाने के लिए सीएए का विरोध भी किया, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का अडिग संकल्प था और गृहमंत्री का पक्का इरादा था इसके चलते नियम, उपनियम बन गए हैं और यह शीघ्र लागू होने वाला है।