महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (mdsu ajmer) के बॉटनीकल गार्डन (botonical garden) में प्राकृतिक और औषधीय महत्व के पौधे लगेंगे। यहां विशेष नक्षत्र और भेषज वाटिका बनाई जाएगी। विद्यार्थी (students), शोधार्थी (research scholor ) और आमजन (citizens) इनका अवलोकन कर सकेंगे।
वर्ष 1987 में गठित विश्वविद्यालय में कुलपति निवास के पिछवाड़े बॉटनीकल गार्डन बनाया गया। बॉटनी विभाग के तत्कालीन विभागाध्यक्ष प्रो. एस. के. महाना के कार्यकाल में कुछेक पौधे भी लगाए गए। लेकिन पथरीली जमीन होने का तर्क देकर प्रशासन ने गार्डन को आबाद करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। वक्त के साथ गार्डन बदहाल (dsetroy) हो गया।
read more: बीसलपुर बांध छलकने की कगार पर,310.26 आरएल मीटर आया पानी कागजों में दब गई योजना इसी दौरान वर्ष 2005 में तत्कालीन जल संसाधन मंत्री सांवरलाल जाट (sanwarlal jat) ने करीब 1 करोड़ रुपए की लागत से यहां बॉटनीकल और हर्बल गार्डन (garden )बनाने की योजना का शिलान्यास (foundation stone) किया। यहां वनस्पति और औषधीय महत्व के पौधे, ग्रीन हाउस बनाना प्रस्तावित हुआ। इसके अलावा खेजड़ी, थोर और राजस्थान के अन्य पौधे लगाने पर भी विचार हुआ। लेकिन योजना कागजों में ही दफन (closes in papres) हो गई।
कई साल बाद ली सुध…
प्रो. महाना के 2009 में सेवानिवृत्त होने के बाद बॉटनी विभाग और बॉटनीकल गार्डन बदहाल ही रहे। विभागाध्यक्ष प्रो. अरविंद पारीक की दो साल पहले नियुक्ति (new appointment) हुई। इसके बाद दोनों की सुध ली गई है। पिछले साल बॉटनीकल गार्डन में कई प्रजातियों (botonical plants) के पौधे लगाए गए थे।
प्रो. महाना के 2009 में सेवानिवृत्त होने के बाद बॉटनी विभाग और बॉटनीकल गार्डन बदहाल ही रहे। विभागाध्यक्ष प्रो. अरविंद पारीक की दो साल पहले नियुक्ति (new appointment) हुई। इसके बाद दोनों की सुध ली गई है। पिछले साल बॉटनीकल गार्डन में कई प्रजातियों (botonical plants) के पौधे लगाए गए थे।
read more: student election : चल रहा जोड़-बाकी, टिकट लेने की जुगत बनेगी विशेष वाटिका बॉटनीकल गार्डन में विशेष नक्षत्र (nakshatra) और भेषज वाटिका (bheshaj vatika)बनाई जाएगी। नौ नक्षत्रों से जुड़े पेड़-पौधे लगाए जाएंगे। इनके बारे में जानकारी भी प्रदर्शित की जाएगी। इसके अलावा राजस्थान एवं अन्य में प्रांतों में पाए जाने वाले विशेष पौधे (special plants) भी लगाए जाएंगे। प्रत्येक पौधे की जानकारी क्यूआर कोड (QR Code) में होगी। विद्यार्थी, शोधार्थी और आमजन मोबाइल (mobile) से कोड को स्कैन भी कर सकेंगे।
read more: Ajmer Smart City- बर्ड पार्क के लिए आठ और लेक फ्रन्ट डवलपमेंट के लिए आई 10 कम्पनियां दिखेंगे यह पौधे (list of plants) खीर-कांचन, तुलसी, स्वर्णक्षीरी, अश्वगंधा, भृंगराज, लाजवंती, मुश्कदाना सहदेवी, जंगली प्याज, कालमेघ, वेत्तिवर चित्रक, अपराजिता, मेहंदी, सतावरी, कलिहारी जीवंती, उलट कंबल, नागकेसर, महुआ, आमला, सिरिस, कच, करंज, नीम, लोध, पुत्रजीवा, नागकेसर, चालताज, जामुन, बहेडा़, बेल, लौंग, जायफल, दालचीनी, रुद्राक्ष, मुंडी, सर्पगंधा, लेमन ग्रास, रेडी, धतूरा, आक, कुसुम, चंदन
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