मनोरोग चिकित्सकों के अनुसार स्किजोफ्रेनिया एक गंभारी बीमारी है जो स्पष्ट रूप से सोचने, अपनी भावनाओं को संभालने और दूसरों के साथ व्यवहार की क्षमता को संभालने और दूसरों के साथ व्यवहार करने की क्षमता को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकती है। इससे प्रभावित ज्यादातर व्यक्तियों को वो दिखाया या सुनाई नहीं देता है जो वास्तव में होता ही नहीं है। वे ऐसी बातों पर विश्वास करते हैं जो सही नहीं होती है या वे ऐसा सोचते हैं कि उन्हें कोई नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।
यह है संकेत क्लिनिकल -बात करते समय निरंतर, अक्सर तेज, संबद्ध आवाज -बिना किसी वजह अपने आप मुस्कराना या हंसना
-तेज हिंसक व्यवहार -घंटों तक एक ही स्थिति में बैठे रहना
-स्वच्छता पर ध्यान न देना
-तेज हिंसक व्यवहार -घंटों तक एक ही स्थिति में बैठे रहना
-स्वच्छता पर ध्यान न देना
-खुद के बारे में कोई बात कर रहा है ऐसी आवाजें सुनना नकारात्मक लक्षण:
जीवन में आनंद बहुत कम या बिल्कुल नहीं रह गया। कोई भावनाएं महसूस नहीं करना, ध्यान केन्द्रित करना मुश्किल लगता है या संभव नहीं होता है। सफलता पाने या लक्ष्यों को पूरा करने में कोई रुचि नहीं रहना।
जीवन में आनंद बहुत कम या बिल्कुल नहीं रह गया। कोई भावनाएं महसूस नहीं करना, ध्यान केन्द्रित करना मुश्किल लगता है या संभव नहीं होता है। सफलता पाने या लक्ष्यों को पूरा करने में कोई रुचि नहीं रहना।
सकारात्मक लक्षण:
अजीब व्यवहार करना, ऐसी भावनाएं दिखाना जो स्थिति से मेल नहीं खाती हों, अपने विचारों को सीधा न रख पाना तथा बार तरते समय उनका कोई अर्थ न निकालना। क्या कहते हैं मनोरोग विशेषज्ञ चिकित्सकइस बीमारी से निदान के लिए नवीनतम उपचार एवं दवाइयां उपलब्ध हैं। बीमारी को लक्षण नजर आने के साथ ही जल्द मनोरोग चिकित्सक से परामर्श एवं उपचार लेना चाहिए। स्किजोफ्रेनिया बीमारी दिमाग की गंभीर बीमारी है। प्रतिमाह आउटडोर एवं इंडोर में 900 से 1000 मरीज स्किजोफ्रेनिया के अस्पताल में आ रहे हैं।
अजीब व्यवहार करना, ऐसी भावनाएं दिखाना जो स्थिति से मेल नहीं खाती हों, अपने विचारों को सीधा न रख पाना तथा बार तरते समय उनका कोई अर्थ न निकालना। क्या कहते हैं मनोरोग विशेषज्ञ चिकित्सकइस बीमारी से निदान के लिए नवीनतम उपचार एवं दवाइयां उपलब्ध हैं। बीमारी को लक्षण नजर आने के साथ ही जल्द मनोरोग चिकित्सक से परामर्श एवं उपचार लेना चाहिए। स्किजोफ्रेनिया बीमारी दिमाग की गंभीर बीमारी है। प्रतिमाह आउटडोर एवं इंडोर में 900 से 1000 मरीज स्किजोफ्रेनिया के अस्पताल में आ रहे हैं।