नागौर के रियांबाड़ी निवासी एक शख्स नया बाजार में जय दुर्गा भवानी गोल्ड पर 26 ग्राम सोने की डली लेकर जांच कराने आया। उसने रिवेश कदम को डली थमाते हुए टंच फार्म भरने के लिए कहा। रिवेश ने डली का वजन किया तो 26 ग्राम निकली। संदेह होने पर डली काटने के लिए कहा तो संदिग्ध ने इनकार कर दिया लेकिन तब तक रिवेश ने डली के टुकड़े कर दिए। टुकड़े होते ही सच सामने आ गया।
डली में आवरण पर सोना लगा था, वहीं अन्दर पीतल निकला। रिवेश ने संदिग्ध को दबोच जांच पड़ताल शुरू की। तब तक सदर कोतवाली थाने से एएसआई मनीराम पुलिस जाप्ते के साथ पहुंच गए। पुलिस आरोपी को थाने ले गई। रिवेश भी थाने पहुंचा लेकिन पुलिस ने उसे ठगी नहीं होने का हवाला देकर चलता कर दिया। वहीं संदिग्ध को बिना कार्रवाई छोड़ दिया।
चपत लगाने का था इरादा
रिवेश ने बताया कि आरोपी पूर्व में भी उसके यहां सोने की जांच कराने आ चुका है। वह पहले भी नकली सोने का जांच कराकर सर्राफा बाजार में व्यापारी को चूना लगा चुका है। उन्होंने बताया कि संदिग्ध युवकी की पीतल को सोना साबित करवाकर किसी कारोबारी को चपत लगाने का इरादा था लेकिन डली काटने से उसकी होशियारी पकड़ी गई। क्या है टंच सर्टिफिकेट
सोने-चांदी की शुद्धता की जांच के लिए सर्राफा बाजार में टंच करवाया जाता है। जांच के बाद वजन के साथ शुद्धता का सर्टिफिकेट जारी होता है। इसके आधार पर बाजार में सोने-चांदी की खरीद-फरोख्त की जाती है। रियांबाड़ी से आया संदिग्ध मिलावटी सोने का टंच सर्टिफिकेट लेने के पश्चात सर्राफा बाजार में खपाने के इरादे से आया था।
इनका कहना है…
संदिग्ध व्यक्ति सोने की डली को टंच करवाने आया था। थाने पर लाकर पड़ताल की गई लेकिन शिकायत नहीं मिलने पर उसको छोड़ दिया गया। दिनेश चौधरी, थानाप्रभारी सदर कोतवाली